शिवपुरी। मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर लॉक डाउन के बीच तमाम गतिविधियां पर रोक रहीं इसी बीच कई परिवार ऐसे भी रहे जिन्होंने कानून को ताक पर रख बाल विवाह की तैयारी कर रखी थीं, लेकिन शिवपुरी के जिला प्रशासन के निगरानी दल की तैयारियों के सामने बाल विवाह के यह प्रयास सफल नहीं हो सके। महिला एवं बाल विकास विभाग, बाल कल्याण समिति, चाइल्ड लाइन, पुलिस ने साथ मिलकर हर विकासखंड पर बाल विवाह रोकने के टीमें बनाई गई थी। इसका असर यह रहा कि लॉक डाउन में चोरी छिपे होने वाले 25 से ज्यादा बाल विवाह को इस निगरानी दल ने रोका। इससे कई नाबालिग बालक-बालिकाओं की जिंदगी बच गई है।

इन बाल विवाह को रोकने में चाइल्ड लाइन का देशव्यापी हेल्पलाइन नंबर 1098 काफी मददगार रहा। इस नंबर पर इन बाल विवाह को रोकने लिए मदद मांगी गई या गुप्त सूचनाएं मिलीं इससे यह बाल विवाह होने से बचे। जिला प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा जो बाल विवाह रोके गए उनमें शामिल रहीं बच्चियों के पुर्नवास का काम भी किया जा रहा है। प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि जिन बच्चियों के बाल विवाह रूकवाए गए हैं उनकी काउंसिलिंग की गई। बच्चियों को वोकेशनल कोर्स व उनकी पढाई पर हम विशेष ध्यान दे रहे हैं। जिससे उनका पुर्नवास हो सके और यह बच्चियों अपने पैरों पर खडी हो सकें।

शिवपुरी के महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) देवेंद्र सुंदरयाल ने बताया कि लॉक डाउन के दौरान जब इस महामारी को रोकने के लिए पूरा प्रशासन तंत्र लगा हुआ था उस दौरान हमारे विभाग के सामने बाल विवाह रोकने की चुनौती सामने आई जिसमें हमारा टीम वर्क काफी कामगार रहा और हमने जिले में 25 से ज्यादा बाल विवाह रोके।

नाबालिग बच्चों के लिए काम करने वाली चाइल्ड लाइन की शिवपुरी समन्वयक वीनस तोमर ने बताया कि बाल विवाह रोकने के लिए हमारे चाइल्ड हेल्प लाइन नंबर 1098 पर मदद मांगी गई या इन पर सूचनाएं आईं। इस सूचना पर हमने जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ समन्वय कर यह बाल विवाह रूकवाए। इसमें बालक-बालिका के मां-बाप व उनके परिजन को समझाइश दी। उनसे विवाह न करने के बॉन्ड भरवाए, जो नहीं माने उन पर पुलिस कार्रवाई भी की।

बाल कल्याण समिति की सदस्य सरला वर्मा ने बताया कि जिन बच्चियों के बाल विवाह रूकवाए गए हैं उनकी काउंसिलिंग की गई। बच्चियों को वोकेशनल कोर्स व उनकी पढाई पर हम विशेष ध्यान दे रहे हैं। जिससे उनका पुर्नवास हो सके और यह बच्चियों अपने पैरों पर खडी हो सकें।

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