भोपाल। जैन समाज के लोगों के लिए बड़ी खबर है। मध्य-प्रदेश के खरगोन जिले के एक गांव में नारायण कुंड की खुदाई के दौरान भूमि के गर्व से भगवान पार्श्वनाथ की 4 फीट ऊंची पाषाण प्रतिमा प्रकट हुई है। इस प्रतिमा का वजन 600 किलो है।
मनरेगा और रोजगार गारंटी योजना के तहत ग्राम ऊन बुजुर्ग में नारायण कुंड (जो अब नाले के रूप में दिखाई देता है) की खुदाई का कार्य चल रहा था, तभी प्राचीन पाषाण अवशेष दिखाई देना शुरू हो गए। जल्दी ही पाषाण की प्रतिमा नजर आई। सूचना पर जिला पंचायत सीईओ डीएस रणदा ने जिला पर्यटन और पुरातत्व संवर्धन समिति के नोडल अधिकारी नीरज अमझरे को मौके पर भेजा।
मुनि श्री प्रणाम सागर महाराज ने बताया प्रतिमा भगवान पार्श्वनाथ की है
पुरातत्व अधिकारी नीरज अमझरे ने बताया कि खंडित स्थिति में मिली मूर्ति जैन तीर्थंकर की लग रही है। उन्होंने कसरावद के पुरा विशेषज्ञ संग्राम सिंह को मूर्ति के बारे में बताया। इस पर सिंह का कहना था कि मूर्ति का चेहरा स्पष्ट नहीं है, लेकि न यह किसी तीर्थंकर की हो सकती है। स्थानीय पत्रकारों ने बेड़िया में विराजित दिगंबर जैन आचार्य डॉ. प्रणामसागर महाराज से संपर्क कर उन्हें मूर्ति का फोटो दिखाया। महाराज का कहना था कि मूर्ति भगवान पार्श्वनाथ की है। मूर्ति पर नाग का फन उकेरा हुआ है, जो तीर्थंकर की पहचान है। सुरक्षा की दृष्टि से मूर्ति को पंचायत भवन में रखा गया है। कलेक्टर के निर्देश के बाद मूर्ति को कि सी पुरातत्व संग्रहालय भेजा जाएगा।
पुरातत्व अधिकारी नीरज अमझरे ने बताया कि मूर्ति के साथ खुदाई में पाषाणकालीन अवशेष भी निकले, जो पूरी तरह खंडित हैं। उन्होंने बताया कि क्षेत्र ऐतिहासिक और पुरातत्व महत्व का है और परमारकालीन शिव मंदिर और जैन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। पुरातत्व विशेषज्ञ मूर्ति और अन्य अवशेषों की जांच करेंगे। उसके बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि मूर्ति कितनी पुरानी है।