रायपुर। राजयोग विशेषज्ञा ब्रह्माकुमारी रश्मि दीदी ने बतलाया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार कोरोना के भय से दुनिया भर में तीस प्रतिशत मानसिक रोगी बढ़ गए हैं। जिसका प्रमुख कारण तनाव है। तनाव से बचने के लिए अपने दृष्टिकोण को सकारात्मक बनाएं, हर परिस्थिति में खुश रहना सीखें और सभी के लिए शुभ भावना रखकर व्यवहार करें।

ब्रह्माकुमारी रश्मि दीदी आज प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा सोशल मीडिया -यूट््यूब पर आॅनलाईन आयोजित सात दिवसीय वेबीनार खुशियों की चाबी-राजयोग शिविर के पहले दिन शिविरार्थियों को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि तनाव से बचने के लिए तीन सिद्घान्तों को जीवन में अपना लें। पहला सिद्घान्त है कि अपने दृष्टिकोण में बदलाव लाएं अर्थात उसे सकारात्मक बनाएं। सकारात्मक विचारों की गति कम होती है। इसलिए इस दौरान हमारे मस्तिष्क से अल्फा और थीटा तरंगे प्रवाहित होती हैं। यह तरंगे शरीर को शक्ति देती हैं। जीवन का आनन्द लेने के लिए अच्छे स्वास्थ्य का होना जरूरी है। उन्होंने बताया कि पांच मिनट क्रोध करने से इतनी उर्जा खत्म हो जाती है कि हमारी दो घण्टा कार्य करने की क्षमता कम हो जाती है। इसलिए क्रोध करके अपनी बहुमूल्य शक्ति को व्यर्थ न गंवाएं। सकारात्मक उर्जा को बढ़ाने के लिए अच्छे -अच्छे स्लोगन याद रखें। प्रेरणा देने वाली किताबों का अध्ययन करें। उमंग-उल्लास बढ़ाने वाले गीत सुनें।

ब्रह्माकुमारी रश्मि दीदी ने तनाव से मुक्ति पाने का दूसरा सिद्घान्त बतलाया कि हरेक परिस्थितियों में खुश रहें। जीवन में दु:ख सदाकाल नहीं रहने वाला है। ऐसे समय पर हम अपने सुख भरे दिनों को याद करें। हमेशा सोचें कि नाते रिश्तेदारों का साथ भले ही न मिल रहा हो, लेकिन मेरा परमपिता परमात्मा सदैव मेरे साथ है। ईश्वर के साथ का अनुभव हमारे जीवन को खुशियों से भर देगा। ब्रह्माकुमारी रश्मि दीदी ने तनाव से बचने का तीसरा सिद्घान्त बतलाया कि सदैव सम्बन्धों में सबके प्रति शुभ भावना और शुभ कामना ही रखकर व्यवहार करें। यदि मन में ईर्ष्या और द्वेष भरा होगा तो जीवन में शान्ति नहीं हो सकती। यह वेबीनार सोशल मीडिया यूट्यूब पर प्रतिदिन सुबह 7 से 8 बजे प्रसारित किया जाता है। इसमें शामिल होने के लिए मोबाईल नम्बर 6262923279 और 7489946997 पर सम्पर्क करके लिंक प्राप्त किया जा सकता है। प्रवेश नि:शुल्क रखा गया है।

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