भोपाल| मध्य प्रदेश सरकार ने पुनर्वास विभाग को बंद करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में विभाग बंद करने के प्रस्ताव को शनिवार को मंजूरी दे दी गई। पुनर्वास विभाग के अमले को राजस्व विभाग में समाहित किया जाएगा। आधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार ने भूमि अर्जन, पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम लागू किया है और राजस्व आयुक्त कार्यालय स्थापित किया गया है, जिसके कारण पुनर्वास विभाग की उपयोगिता नहीं रह गई है।
उल्लेखनीय है कि पुनर्वास विभाग की स्थापना पाकिस्तान और तिब्बत से आए विस्थापितों के पुनर्वास के लिए की गई थी। राज्य में पुनर्वास विभाग ने विकास परियोजनाओं के लिए अर्जित निजी भूमि के विस्थापितों के पुनर्वास की आदर्श पुनर्वास नीति 2002 बनाई थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने भी 2007 में पुनर्वास नीति बनाई। इस नीति के अनुक्रम में राज्य की पुनर्वास नीति को पुनरीक्षित करने का काम चलता रहा। केंद्र सरकार का भूमि अर्जन अधिनियम 2013 आने से अब पुनर्वास पैकेज भी इसी अधिनियम के अंतर्गत दिया जाएगा। पुनर्वास पैकेज बनाने और लागू करने का काम जिलाधिकारी और पुनर्वास पुनर्व्यवस्थापन आयुक्त द्वारा किया जाएगा। लिहाजा पुनर्वास विभाग के पास कोई काम ही नहीं बचा है। बैठक में निर्णय लिया गया कि राजस्व विभाग के अंतर्गत ही पुनर्वास शाखा काम करेगी। पुनर्वास विभाग के अंतर्गत पुनर्वास आयुक्त का विभागाध्यक्ष कार्यालय राजस्व आयुक्त कार्यालय में समाहित किया जाएगा।