भोपाल !   मध्य प्रदेश में चिकित्सा महाविद्यालय में दाखिले के लिए होने वाली प्री मेडिकल परीक्षा (पीएमटी) में पैसे के बल पर अपने परिजनों को सफलता दिलाने वाले निलंबित नगर पुलिस अधीक्षक रक्षपाल सिंह यादव ने सोमवार को विशेष कार्यदल (एसटीएफ ) के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। राज्य में पिछले वर्ष पीएमटी फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ था। एक गिरोह गुजरे वर्षो के दौरान कई सौ बच्चों को फर्जी तरीके से पास कराकर डाक्टर बनवाया है। फर्जीवाड़े के इस मामले में अब तक कई रसूखदारों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इनमें व्यावसायिक परीक्षा मंडल के परीक्षा नियंत्रक पंकज त्रिवेदी, भारतीय पुलिस सेवा के आर.के. शिवहरे शामिल हैं। इसके अलावा एसटीएफ को कई अन्य सफेदपोशों की तलाश है।
रक्षपाल सिंह ने अपने परिजनों को रकम के बल पर पीएमटी परीक्षा पास कराकर चिकित्सा महाविद्यालय में दाखिला दिलाया था। एसटीएफ की जांच में यादव का नाम सामने आने पर वे फरार हो गए थे। यादव ग्वालियर में नगर पुलिस अधीक्षक थे। इस समय निलंबित है और उन पर एसटीएफ ने इनाम भी घोषित कर रखा है।
एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक, यादव ने सोमवार को एक पुलिस अधिकारी के साथ एसटीएफ कार्यालय पहुंचकर आत्मसमर्पण किया। एसटीएफ यादव को न्यायालय में पेशकर रिमांड पर ले सकती है।

 

 

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