भोपाल. लॉकडाउन के दौरान जनता के लिए शुरू की गई ई-पास  की व्यवस्था कछुआ चाल से काम कर रहा है. आलम यह है कि विभाग ने 2.30 लाख ई-पास के आवेदनों को खारिज कर दिया है और लंबित पड़े 83 हजार आवेदनों पर अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है. उल्‍लेखनीय है कि लॉकडाउन के चलते प्रदेश या दूसरे राज्यों में फंसे लोगों की मदद के लिए प्रशासन ने ई-पास की व्यवस्था शुरू की थी. प्रदेश में अब तक कुल 4.49 लाख लोग ई-पास के लिए कर चुके है. इनमें से, शासन ने 1.35 लाख आवेदकों को ई-पास को जारी किया है, जबकि 2.30 लाख आवेदकों के आवेदन रिजेक्ट कर दिए गए हैं.


मैप आईटी पोर्टल पर राजस्थान के लिए आने वाले आवेदन को नहीं लिया जा रहा है. पोर्टल पर राजस्थान के लिए ई-पास एप्लीकेशन नहीं लिए जाने का संदेश भी प्रसारित किया गया है. इस संदेश में जिक्र किया गया है कि राजस्थान सरकार ने बाहरी राज्यों के लोगों को अपने राज्‍य में प्रवेश देने से मना कर दिया है. लिहाजा, अगले आदेश तक राजस्थान के लिए पास जारी नहीं किए जाएंगे.

पोर्टल में बार-बार आ रही तकनीकी खराबी के चलते मध्यप्रदेश  की सीमाओं के भीतर आवागमान के लिए ई-पास जारी नहीं हो पा रहे हैं. पोर्टल के काफी धीमी गति से काम करने की वजह से आवेदन करने वाले लोग परेशान हो रहे हैं. एक तो पोर्टल में लगातार हैंग होने की समस्‍या आ रही है, यदि किसी तरह से पोर्टल चल भी गया तो एक आवेदन करने में लंबा समय लग रहा है. इसके अलावा, ई-पास सिर्फ इमरजेंसी व्यवस्था के लिए शुरू किया गया है, जिसके तहत आवेदन करने वालों को उसका कारण गाड़ी का नंबर ,आईडी नंबर और दूसरी जानकारी मुहैया कराना पड़ती है. इमरजेंसी कारण नहीं होने की वजह से ई-पास रिजेक्ट किए जाते हैं.

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