इंदौर। बीजेपी के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे और इंदौर की विधानसभा क्षेत्र तीन से बीजेपी के विधायक आकाश विजयवर्गीय अपने कारनामों की वजह से हमेशा सुर्खियों में रहते है। इस बार तो उन्होंने हद ही पार कर दी। लॉकडाउन के दौरान जब शहर में कर्फ्यू लगा है ऐसे में ही कार्यकर्ताओं को इकट्ठा कर उनके साथ बैठक की। शहर के पाटनीपुरा क्षेत्र के मित्तल मांगलिक भवन में सौ से ज्यादा कार्यकर्ताओं बुलाकर उनकी बैठक ली जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग का बिल्कूल भी ख्याल नहीं रखा गया। साथ ही लॉकडाउन का भी उल्लंघन हुआ।
विधायक ने जायज बताई बैठक
बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय अपनी इस बैठक को जायज ठहरा रहे हैं। उनका कहना है कि गरीबों को राशन बंटवाने की व्यवस्था बनाने के लिए उन्होंने ये बैठक बुलाई थी जिसमें विधानसभा क्षेत्र तीन के सभी वार्ड से 5-5 लोग बुलाए गए थे। सभी कार्यकर्ताओं के पास कर्फ्यू पास है इसमें किसी तरह के लॉकडाउन का उल्लंघन नहीं हुआ।
आकाश विजयवर्गीय का कहना है कि जनप्रतिनिधियों को अपनी जनता की फिक्र करनी ही पड़ेगी। उनकी चिंता तो यही है कि कोई गरीब भूखा न सोय। इसलिए कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि वे राशन वितरण में व्यवस्था में कोई कोताही न बरतें। सभी कार्यकर्ताओं को मास्क और ग्लब्स दिए गए हैं। 45 दिन से मजदूर,गरीब घर में बैठा हुआ है। उनको राशन कैसे मिले इसकी व्यवस्था तो बनानी ही पड़ेगी।
कांग्रेस ने की कड़ी कार्रवाई की मांग
कांग्रेस ने महामारी के समय बीजेपी विधायक की इस बैठक पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने कहा कि इस लॉकडाउन के समय जब आम आदमी घर से निकलता है तो पुलिस उस पर लाठियां बरसाती है। ऐसे में विधायक को किस नियम के तहत छूट दी गई कि वो सौ से डेढ़ सौ लोगों को इकट्ठा कर मीटिंग करें, सोशल डिस्टेसिंग और लॉकडाउन का उल्लंघन करें और लोगों की जान संकट में डालें। प्रशासन को इस पर तत्काल संज्ञान लेना चाहिए और विधायक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।