भोपाल। मध्यप्रदेश में सरकार जाने के बाद संगठन में कांग्रेस ने बदलाव किया है। दीपक बाबरिया की जगह मुकुल वासनिक मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रभारी होंगे। दीपक बावरिया ही विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान एमपी के प्रभारी थे। हालिया राजनीतिक ड्रामे के बीच बाबरिया की मौजूदगी नगण्य रही थी। हालांकि लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद इस्तीफे की पेशकश कर दी थी। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने वासनिक की नियुक्ति को लेकर कहा कि बाबरिया ने खराब स्वास्थ्य को लेकर इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उसे स्वीकार कर लिया है। उन्होंने ही मुकुल वासनिक को मध्यप्रदेश की जिम्मेदारी सौंपी है। वासनिक के पास पहले से ही केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी की जिम्मेदारी है, जिसे वह निभाते रहेंगे। वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी बाबरिया के योगदान की सराहना करती है।
मध्यप्रदेश में पॉलिटिकल क्राइसिस के दौरान मुकुल वासनिक काफी एक्टिव रहे थे। जयपुर में विधायकों रखने से लेकर उनके भोपाल आने तक वह साथ रहे थे। यूपीए के सरकार में वह मंत्री भी रहे हैं। मुकुल वासनिक महाराष्ट्र से आते हैं। राजनीतिक जीवन की शुरुआत एनएसयूआई से हुई थी। वासनिक महाराष्ट्र की बुलढाना लोकसभी सीट से 25 साल की उम्र में सांसद बन थे। मुकुल वासनिक ने बुलढाना संसदीय सीट से 1984, 1991 और 1998 में लोकसभा चुनाव जीता था। 2009 में उन्होंने अपनी पारंपरिक सीट बुलढाना को छोड़ दिया और रामटेक से लोकसभा चुनाव जीता। उनके अनुभव को देखते हुए उन्हें यूपीए सरकार में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री बनाया गया था। मुकुल वासनिक कांग्रेस महासचिव हैं और गांधी परिवार के काफ़ी क़रीबी समझे जाते हैं।
मध्यप्रदेश कांग्रेस में भीतरी संकट के चलते कमलनाथ सरकार को इस्तीफा देना पड़ा था। 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद और ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफा साथ ही कांग्रेस की सरकार अल्पमत में आ गई थी। जिसके बाद कमलनाथ को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।