इंदौर। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी श्री मनीष सिंह ने इंदौर कलेक्टर पद पर ज्वाइन करते समय कहा था कि इंदौर में कोरोनावायरस के मरीजों की संख्या 250 तक जाएगी, आज उनका कहना है कि यह संख्या 1500 तक जा सकती है। 26 अप्रैल शाम 4:00 बजे मरीजों की संख्या 1176 थी। चौंकाने वाली बात यह है कि इंदौर में औसत हर पांचवा सैंपल पॉजिटिव पाया जा रहा है। इन सबके बीच इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह का कहना है कि अगले 30 दिनों में हालात सामान्य हो जाएंगे।

इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि अभी बड़ी संख्या में कोरोना पॉजेटिव मरीज सामने आएंगे लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं। उन्होंने कहा कि हमें कोरोना वायरस से घबराने के बजाय सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि टेस्ट सैंपल का बैकलॉग बढ़ गया है। दो चार दिन में पूरा बैकलॉग क्लियर हो जाएगा। इन सैंपल में से अधिकांश सैंपल क्वारेंटाइन वाले लोगों के हैं या पुराने सैंपल हैं, जिन्होंने ट्रीटमेंट ले लिया है औऱ वो ठीक भी हो गए हैं। उन्होने कहा कि आगामी एक माह में इंदौर में के हालात सामान्य हो जाएंगे।

मनीष सिंह ने कहा कि 1600 सैंपल की जांच की जानी है जिसमें से 606 सैंपल पांडिचेरी और 500 सैंपल शनिवार को अहमदाबाद भेजे गए हैं और 500 सैंपल रविवार को अहमदाबाद भेजे गए हैं। उनकी रिपोर्ट में 200 से 300 पॉजिटिव मरीज सामने आएंगे।

गौर करने वाली बात है कि कोरोना वायरस को लेकर प्रदेश में इंदौर की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। यहां हर पांचवा संदिग्ध कोरोना पॉजिटिव निकल रहा है। इसको लेकर इंदौर कलेक्टर ने हॉटस्पॉट क्षेत्रों समेत घर-घर जाकर सघन कोरोना स्क्रीनिंग अभियान चला रखा है जिसमें अभी तक 18 लाख लोगों की स्क्रीनिंग हो चुकी है। अगले 4 दिनों में 30 लाख लोगों के सर्वे का काम पूरा हो जाएगा जिसके बाद इंदौर में संक्रमण की स्थिति साफ हो जाएगी।

गौरतलब है कि राज्य में अब तक 103 लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है। वहींं, कोरोना से इंदौर में 57 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। देश में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल इंदौर में 1176 पॉजिटिव केस मिले हैं, जिनमें से अब तक 57 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 107 मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। 

लॉक डाउन में लोगों को उनके दरवाजे पर दूध, राशन और सब्जी पहुंचाने के मामले में इंदौर प्रशासन कई स्थानों पर फेल नजर आ रहा है। इंदौर शहर में केवल कुछ चुनिंदा स्थानों पर होम डिलीवरी की सेवाएं ठीक प्रकार से चल रही है। इसके चलते प्रशासन के पास सफलता के आंकड़े हैं परंतु लॉक डाउन में जरूरी है कि हर आखिरी आदमी तक होम डिलीवरी पहुंचे। इंदौर की करीब 40% आबादी प्रशासन के होम डिलीवरी सिस्टम से परेशान है। पूरे देश में गली मोहल्लों की एकल दुकानें खुली हुई है परंतु इंदौर में कलेक्टर किसी भी दुकान को खोलने नहीं दे रहे, जिन दुकानों को कलेक्टर ने अनुमति दी है वह 100% होम डिलीवरी नहीं कर रही। यह बताने की जरूरत नहीं की सफलता से मतलब 100% ही हो सकता है। क्योंकि यदि 1% भी कम है तो इसका अर्थ हुआ है इंदौर में दो हजार से ज्यादा लोग भूखे हैं।

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