ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर में गरीब, बेसहारा, बेघर लोगों को पीडीएस की दुकानों से बांटे जा रहे 10 किलो आटे के पैकेट्स में 1 से 3 किलो आटा कम निकलने पर, मौके पर पहुंचकर विधायक प्रवीण पाठक ने निर्धन निवाला घोटाला का भंडाफोड़ किया था. 17 अप्रैल की दोपहर में विधायक प्रवीण पाठक को शिकायत मिली थी कि पीडीएस की दुकानों से जो आटे के पैकेट बांटे जा रहे हैं उन पर नेट वेट 10 किलो प्रिंट है लेकिन तोलने पर उनमें 1 से 3 किलो तक कम आटा निकल रहा है। विधायक पाठक ने मौके पर पहुंचकर इस बात की तस्दीक की तो वास्तव में आटे के पैकेट्स में 6.5 किलो, 7 किलो, 8 किलो या 9 किलो आटा निकला. विधायक ने मौके से ही जिलाधीश ग्वालियर एवं खाद्य नियंत्रक ग्वालियर को इस शर्मनाक घटना की सूचना फोन पर दी और दोषियों के विरुद्ध कड़ी दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए कहा। इस पर खाद्य विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर तौलकर के सीलबंद कुछ आटे के पैकेट्स पंचनामा बनाकर जप्त किए। 17 अप्रैल को हुई इस घटना के बाद आज दिनांक तक दोषी अधिकारियों एवं इस घोटाले में संलिप्त किसी भी ठेकेदार या अन्य व्यक्ति के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं हुई है इस बात पर गहरा आक्रोश व्यक्त करते हुए विधायक प्रवीण पाठक ने डीजीपी ईओडबल्यू मध्य प्रदेश शासन भोपाल एवं श्री राजा बाबू सिंह एडीजी को पत्र लिखकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए कहा है।
ज्ञात हो कि 17 अप्रैल की इस घटना के बाद आम जनता में भी इस बात को लेकर गहरा आक्रोश है कि 10 किलो लिखे हुए पैकेट्स के नाम पर जनता के साथ ठगी की जा रही है और उसको 1 से 3 किलो वजन कम दिया जा रहा है. विधायक पाठक ने कहा है कि जब सरकार द्वारा ठेकेदार को 10 किलो का भुगतान किया जाएगा तो जनता को 1 से 3 किलो आटा कम क्यों दिया जा रहा है. बाद में सुनने में यह भी आया था कि ठेकेदार से यह तय हुआ था कि 100 किलो गेहूं के बदले में 90 किलो आटा लिया जाएगा और 10 किलो गेहूं पेकिंग एवं अन्य खर्चों में काट लिया जाएगा इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विधायक पाठक ने कहा कि ऐसा ही करना था तो या तो पैकेट पर 9 किलो लिखवाना था या 100 किलो गेहूं देकर 90 किलो आटा लेना था तो 9-9 किलो के 10 पैकेट की जगह 10- 10 किलो के 9 पैकेट ही लेने थे।