भोपाल. राजधानी भोपाल में कोरोना का कहर स्वास्थ्य अमले पर बढ़ता ही जा रहा है. अब कोरोना की काली नजर राजधानी के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल हमीदिया पर पड़ चुकी है. यहां डॉक्टर्स में कोरोना संक्रमण की चेन बनती जा रही है. डॉक्टर्स अब कोरोना की चपेट में इस कदर आते जा रहे हैं कि गांधी मेडिकल कॉलेज मेंं अब तक 5 पॉजिटिव डॉक्टर्स मिल चुके हैं और 1 दर्जन सीनियर डॉक्टर्स क्वारंटाइन पीरियड में चल रहे हैं. संदिग्ध मान कर अस्पताल के लगभग 150 स्टाफ को भी क्वारंटाइन पीरियड में भेज दिया गया है.

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और अफसरों के बाद अब गांधी मेडिकल कॉलेज और उससे संबद्ध हमीदिया अस्पताल पर कोरोना का साया मंडरा रहा है. यहां बीते दो दिनों से लगातार जूनियर डॉक्टर्स की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है. बुधवार जिस मेडिकल स्टूडेंट की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, ऐसा बताया जा रहा है कि बीते 14 अप्रैल को उसने अपना सैंपल जांच के लिए दिया था. उन्हें कोरोना के कोई लक्षण नहीं थे. इस वजह से वे ईएनटी विभाग में मरीजों का हफ्ते भर से इलाज कर रहे थे.

अब जीएमसी में इस दौरान उनके संपर्क में आए स्टाफ और मरीजों को तलाशना शुरू कर दिया है. इससे पहले आई पॉजिटिव मरीजों की लिस्ट में हमीदिया की जूनियर डॉक्टर भी शामिल थी, जो नॉर्थ ईस्ट की रहने वाली बताई जा रही हैं. जानकारी के अनुसार ये MBBS फाइनल ईयर की स्टूडेंट हैं. रिपोर्ट आने के बाद हमीदिया अस्पताल में हड़कंप सा मच गया. इस लिस्ट के पहले आई पॉजिटिव मरीजों की सूची में पहले भी 2 पीजी स्टूडेंट हमीदिया अस्पताल से मिल चुकी थी, जिनका उपचार जारी है. दिल्ली से आई 400 सैंपल की रिपोर्ट और जीएमसी और एम्स के लगभग 280 टेस्ट रिपोर्ट में 14 पॉजिटिव मरीज हमीदिया से मिले हैं.

भोपाल कलेक्टर तरुण पिथोड़े का कहना है कि अस्पताल में डॉक्टरों को संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है, ये गंभीर बात है. सतर्कता के तौर पर संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए बिना जांच रिपोर्ट आए संक्रमण के लक्षण वाले डॉक्टरों को भी क्वारंटाइन किया जाएगा​. रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर अस्पताल में शिफ्ट भी किया जाएगा. कलेक्टर ने ये माना है कि भोपाल में तेजी के साथ रिपोर्ट में पॉजिटिव केस सामने आ रहे  हैं. भोपाल कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने बताया कि ऐसी परिस्थिति में शहर में लॉकडाउन बढ़ाने को लेकर तात्कालिक हालातों पर फैसला किया जाएगा.

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