भोपाल। मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह सरकार में नए-नए भाजपा नेता बने ज्योतिरादित्य सिंधिया की सियासत पर पहला ग्रहण लगता हुआ दिखाई दे रहा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के तमाम प्रयास विफल हो गए हैं। मंत्रिमंडल पर संख्या उतनी ही होगी जितनी शिवराज सिंह चैहान चाहते है। डिप्टी सीएम भी नहीं होगा।
सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान मंगलवार को अपने मंत्रिमंडल का गठन करेंगे। मध्य प्रदेश में 29 दिन तक बिना मंत्रिमंडल वाली सरकार चली। मंत्रिमंडल में मात्र 4 से 6 नेता मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। शपथ ग्रहण का समय अभी तय नहीं है। राजभवन से सूचना मिलने के बाद ही मंत्रिमंडल के गठन का समय तय किया जाएगा। सिंधिया खेमे में से तुलसी सिलावट, गोविंद राजपूत और बिसालू लाल सिंह में से किन्हीं दो को मंत्री बनाया जा सकता है। इसके अलावा मंत्रिमंडल के लिए गोपाल भार्गव, नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह का नाम तय माना जा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि शिवराज सिंह चैहान ने मिनी मंत्रिमंडल पहले से ही फाइनल कर लिया था परंतु ज्योतिरादित्य सिंधिया अचानक सक्रिय हो गए और लॉक डाउन के अपने ही संकल्प को तोड़ते हुए अमित शाह से मिलने चले गए। वह चाहते थे कि उनके सभी 6 समर्थकों को मंत्री पद दिया जाए। इनमें से एक तुलसी सिलावट को डिप्टी सीएम बनवाना चाहते थे। सिंधिया की उठापटक के कारण मंत्रिमंडल फैसला 3 दिन तक स्थगित रहा परंतु अंततः वही हुआ जो शिवराज सिंह चैहान चाहते थे।