मुरैना। मध्य प्रदेश के मुरैना ने कोरोना के संक्रमण को 10 दिन के अंदर कंट्रोल करके मिसाल पेश की है। जिले में पहला केस एक अप्रैल को आया था। दुबई से आए सुरेश बरेठा और उसकी पत्नी पॉजिटिव पाई गई थी। इन दोनों के कारण पूरा परिवार कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गया। इसके बाद प्रशासन ने 3500 घर और करीब 9 हजार आबादी के प्रेमनगर इलाके को पूरी तरह से सील कर शहर से अलग-थलग कर दिया। मेडिकल की 10 टीमें लगाकर हेल्थ चेकअप कराया गया। इसमें 10 साल कम उम्र के बच्चे, बुजुर्ग, हाइपर टेंशन, शुगर, ब्लड प्रेशर और सर्दी-जुकाम-खांसी के मरीजों की कैटेगरी बनाई गई। मुरैना में आखिरी केस 10 अप्रैल को आया, ये भी सुरेश के चाचा थे और इनकी पहली रिपोर्ट निगेटिव आई थी, लेकिन दूसरी बार पॉजिटिव पाए गए। यहां कुल 14 लोग संक्रमित पाए गए थे।
 
जिले के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरसी बांदिल ने बताया कि मुरैना में विदेश से आए एक कोरोना मरीज के संपर्क में आकर उसी के परिवार के 13 अन्य लोग संक्रमित हुए। इसके बाद सख्ती की गई और इलाके का शहर से संपर्क काटा गया। सभी की स्वास्थ्य जांचों के कारण मुरैना में कोरोना के संक्रमण को रोका जा सका। डॉ. बांदिल ने बताया कि जिलेभर में स्वास्थ्य विभाग की टीमें कोरोना का सर्वे कर रही हैं।

सीएमएचओ डॉ. बांदिल ने बताया कि कलेक्टर प्रियंका दास ने तत्काल संक्रमित इलाके वार्ड 47 को सील कर दिया था। इसके बाद वहां डॉक्टर्स की तीन टीमें तैनात की गईं। कोरोना संक्रमितों को जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया। इलाज के बाद 14 कोरोना मरीजों की जांच कराई गई तब उनमें से 11 की रिपोर्ट निगेटिव पाई गई। इनमें से 7 मरीजों के स्वस्थ होने पर अस्पताल से छुट्टी दी गई। चार अन्य मरीजों की दूसरी जांच भी निगेटिव आने पर अस्पताल से डिस्चार्ज किया जाएगा।

मुरैना के प्रेमनगर इलाके में पहला पॉजिटिव मिलने के बाद इसे पूरी तरह से सील कर दिया गया था। शहर से भी संपर्क काट दिया था। सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे, जिससे कोई बाहर न निकल सके।

सीएमएचओ ने बताया कि आइसोलेशन वार्ड में भर्ती सातों कोरोना मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हैं। उनमें अब कोरोना के लक्षण भी नहीं दिखाई दे रहे हैं। जिस वार्ड में यह मरीज पाए गए थे, वहां हर व्यक्ति की जांच कराई गई। अभी तक किसी अन्य में लक्षण नहीं पाए गए। एहतियात के तौर पर खांसी, जुकाम ओर हल्की भी तबीयत खराब होने की स्थिति में उन लोगों को एक सप्ताह के लिए दवाएं उपलब्ध कराई गईं हैं। जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों से कोरोना जैसी वैश्विक महामारी फैलने से रोकने पर काफी हद तक नियंत्रण पा लिया है।
 
कोरोना से पहले पॉजिटिव युवक ने दुबई से लौटने के बाद घर में त्रयोदशी भोज रखा था, इसमें रिश्तेदार, परिचित और मुहल्ले के लोग शामिल हुए थे। बाद में तबीयत बिगड़ी तो संक्रमित पाया गया। पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ सिविल लाइन थाने में एफआईआर दर्ज की थी। पुलिस का कहना था कि युवक ने दुबई से लौटने की जानकारी छिपाई और सैकड़ों लोगों की जान को खतरे में डाला। खुद क्वारैंटाइन नहीं भी हुआ।FacebookTwitterEmail

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