इंदौर। इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने अस्पताल संचालकों को हर स्थिति में मरीजों को लेने के स्पष्ट एवं सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने फिर चेताया है कि किसी भी स्थिति में अस्पताल संचालक या डॉक्टर मरीज को चिकित्सकीय परामर्श देने के लिए इंकार नहीं कर सकते, वे इसके लिए बाध्यकारी हैं। ऐसे डॉक्टर्स,जो अपनी सुविधा नहीं दे रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जा कर उनका प्रैक्टिस लाइसेंस रद्द किया जाएगा। इसी प्रकार पैरामेडिकल स्टाफ की सूची जो अपने कार्य पर उपस्थित नहीं हो रहे हैं, उन्हें गिरफ्तार कर अस्थाई जेल में भेजा जाएगा।
किराना प्रदाय के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि प्रशासन हर वार्ड में 15 सप्लायर्स से बात कर घर-घर प्रदाय देने की प्रक्रिया पूर्ण कर रहा है। आलू-प्याज विक्रेताओं के संबंध में आ रही शिकायतों पर उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि कालाबाजारी के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। अतः सप्लायर्स अधिक भाव में आलू-प्याज न बेचें। उन्होंने बताया कि इंदौर संभाग के लिए आटा एवं दाल मिलें शुरू की गई हैं। शीघ्र ही इनका प्रदाय भी सुनिश्चित की जा सकेगी।
कलेक्टर सिंह ने ऑनलाइन शॉपिंग सिस्टम के बारे में बताया कि ऑनलाइन शॉपिंग संचालकों को भी जिला प्रशासन पूर्ण रूप से सहायता कर रहा है। इन्हें जोमैटो, स्विगी आदि से समन्वय करने की दिशा में भी कार्य प्रगति पर है।
उन्होंने बताया कि आज कर्मचारी राज्य बीमा सेवायें अस्पताल को यलो कैटेगरी में तथा चोइथराम अस्पताल को रेड कैटेगरी में शामिल किया गया है। उन्होंने जानकारी दी कि आज दिनांक तक की स्थिति में 32 लोग स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं एवं अगले एक-दो दिनों में 20 से 25 और लोगों के स्वस्थ होने की संभावना है।
उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन का मुख्य उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा सैंपलिंग एवं टेस्ट करना है। इस प्रक्रिया में टेस्टिंग लैब पर भी बहुत दबाव है, लेकिन सैंपलिंग ज्यादा होने से ही पॉजिटिव या निगेटिव प्रकरण सामने आएंगे। इससे भविष्य में संक्रमण की स्थिति को कंट्रोल किया जा सकेगा।