कोरोना के कहर से निपटने के लिए प्रदेश सरकार ने रैपिड टेस्ट की तैयारी शुरू कर दी है। भोपाल और इंदौर में अगले हफ्ते से रैपिड किट के जरिए जांच शुरू हो सकती है। इससे संक्रमण का पता जल्दी चल सकेगा, जिससे इसे रोकने में मदद मिलेगी। फिलहाल सरकार ने 50 हजार रैपिड किट का ऑर्डर दिया है।
प्रदेश में हर दिन कोरोना पॉजिटिव मरीज बढ़ रहे हैं। एक हफ्ते में आठ गुना मरीज बढ़ चुके हैं। इस कारण सरकार ने संक्रमण का जल्द पता लगाने के लिए रैपिड टेस्ट का निर्णय किया है। इसके लिए सरकार की आधा दर्जन निजी कंपनियों से चर्चा हुई है। सभी कंपनियां अप्रेल अंत तक ही रैपिड किट देने स्थिति बता रही है। केवल 50 हजार किट सरकार को अगले हफ्ते मिल सकती है, इसलिए सरकार की तैयारी है कि पहली खेप में यह 50 हजार किट मिल जाए, तो अगले हफ्ते सबसे ज्यादा संक्रमण वाले इंदौर-भोपाल में इससे टेस्ट शुरू किया जाए। इसके बाद अन्य कंपनियों को भी ऑर्डर दिए जाएंगे। इस हफ्ते के अंत तक अन्य कंपनियों को भी तीन लाख किट तक के ऑर्डर दिए जा सकते हैं।
रैपिड किट महज 30 से 35 मिनट के भीतर रिजल्ट दे देती है। इसमें मरीज के खून की बूंद को इंजेक्ट करते ही रिजल्ट प्रोसेस शुरू हो जाती है। अभी सैंपल की रिपोर्ट आने में औसत तीन दिन लग रहे हैं। उस पर कोरोना टेस्ट किट भी महज नौ हजार ही हैं। रैपिड किट आने पर तुरंत टेस्ट और रिजल्ट आएंगे। इससे संक्रमण को ज्यादा फैलने का मौका नहीं मिलेगा। रिजल्ट पॉजिटिव आते ही मरीज को आइसोलेट कर दिया जाएगा। इससे वह दूसरों तक संक्रमण नहीं फैला पाएगा।
कोरोना टेस्ट की रैपिड किट औसत 380 से 480 रुपए तक की आती है। हालांकि, अभी इस किट की कमी है, इसलिए निजी कंपनियां अधिक कीमत ले रही हैं। इसके बावजूद पूरे देश में डिमांड होने के कारण अभी कंपनियां व शासन की अधिकृत एजेंसियां इसकी आपूर्ति करने की स्थिति में नहीं हैं।
एक जिले से दूसरे जिले में जाने वाले सारे प्वॉइंट पर रैपिड किट से टेस्ट की व्यवस्था की जाएगी। अभी जिन लोगों को आकस्मिक स्थिति में एक जिले से दूसरे जिले में जाना होता है, उनको स्क्रीनिंग व मेडिकल जांच के बाद जाने दिया जाता है, लेकिन यदि किसी व्यक्ति को कोरोना के लक्षण नहीं है तो वह इस स्क्रीनिंग व जांच में पकड़ाई में नहीं आ पाता। वजह ये कि लक्षण न होने पर उसकी कोरोना सैंपलिंग नहीं की जाती है। रैपिड किट होने की स्थिति में तुरंत उसका परीक्षण किया जा सकेगा। इसके तहत सीमा पार करने के सारे प्वॉइंट्स पर भी रैपिड टेस्ट की व्यवस्था की जाएगी। हालांकि, जरूरत के हिसाब से ही यह टेस्ट किया जाएगा। क्योंकि, रैपिड किट भी कम ही मिल पा रही है।