इंदौर। मौजूदा लॉक डाउन के बीच इंदौर में शव यात्रा में मात्र पांच व्यक्तियों के शामिल होने की अनुमति दी जाएगी। शव जिले से बाहर ले जाने पर भी जिला प्रशासन ने रोक लगा दी है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी मनीष सिंह ने शासकीय दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा-144 के अंतर्गत जन सामान्य के स्वास्थ्य के हित एवं लोक शांति को बनाये रखने हेतु इंदौर जिले की संपूर्ण राजस्व सीमा क्षेत्र के लिये प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है।
जारी आदेशानुसार इंदौर शहर में वर्तमान में कोरोना के चलते सोशल डिस्टैंसिंग रखना अतिआवश्यक है तथा साथ ही साथ एक ही स्थान पर रहवासियों के स्वास्थ्य सुरक्षा हेतु भीड न लगे इस हेतु धारा-144 द.प्र.सं. के तहत वर्तमान में कफ्र्यू प्रभावशील है।
पूर्व के समय में यह देखने में आया है कि कुछ स्थलों पर कोरोना वायरस पाॅजिटिव केवल इसलिए पाये गये, क्योंकि वे किसी शवयात्रा या जनाजे में कफ्र्यू के प्रभावशील रहते हुये शामिल हुये थे एवं उसके कुछ दिनों में ऐसे एक दो मोहल्लों में कोरोना पॉजिटिव मरीज पाये गये। जारी आदेशानुसार किसी भी व्यक्ति की मृत्यु अर्थात नैसार्गिक, किसी भी बीमारी से अस्पताल अथवा घर पर होने पर किसी भी शवयात्रा या जनाजे में अधिकतम पांच व्यक्ति शामिल हो सकेंगे। पांच से अधिक व्यक्तियों के शामिल होने पर इस आदेश का उल्लंघन माना जायेगा।
अस्पताल में किसी भी कोरोना पाजिटीव मरीज अथवा अन्य प्रकार की किसी भी बीमारी में मृत्यु होने पर पार्थिव देह अस्पतालों से सीधे श्मशान या कब्रस्तान या अंतिम संस्कार समस्त अन्य स्थलों पर सीधे भेजी जायेगी। किसी भी स्थिति में किसी भी पार्थिव देह को इंदौर जिले की सीमा से बाहर जाने की अनुमति नहीं रहेगी।
जारी आदेशानुसार कोरोना पाजिटिव मरीज अथवा शंकास्पद मृत्यु के प्रकरणों में समस्त शासकीय, अर्ध शासकीय अथवा निजी अस्पतालों को सूचित किया गया है कि इन प्रकरणों में उसके परिजनों से बात करते हुये एवं समझाइश देते हुये इन पार्थिव देहों का अंतिम संस्कार इंदौर में ही करवाया जायेगा तथा इंदौर से बाहर ले जाने की अनुमति नहीं होगी।
शासकीय, अर्ध शासकीय अथवा निजी अस्पतालों में कोई भी डॉक्टर अपने ज्ञान या बुद्धि का इस्तेमाल करते हुये मृत्यु के कारणों की गलत प्रमाणीकरण करेगा एवं इस आधार पर कोई पार्थिव देह इंदौर जिले से बाहर जाती है तो संबंधित डॉक्टर के विरुद्ध कार्यवाही करते हुये उनके पंजीकरण को निरस्त करने की कार्यवाही की जायेगी। जारी आदेशानुसार कोरोना पाॅजिटिव प्रकरण अथवा शंकास्पद संदिग्ध व्यक्ति की मृत्यु होने पर सभी अस्पताल डेड बॉडी पैक करने में सभी निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन करेंगे। उक्त निर्देश सभी शासकीय, अर्ध शासकीय अथवा निजी अस्पतालों के चिकित्सकों, संचालकों, अधीनस्थ स्टॉफ पर लागू रहेगा।