भोपाल। कोरोना जैसी महामारी को लेकर मप्र के स्वास्थ्य विभाग पर यह आरोप लग रहा है कि वह कुछ खास लोगों की बीमारी को छुपाने का प्रयास कर रहा है। गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन में जान बूझकर एक आईएएस अधिकारी को हुए कोरोना संक्रमक की जानकारी छुपाई गई। इसके पहले भी यह विभाग प्रदेश के एक प्रभावी व्यक्ति की रिपोर्ट छुपा चुका है। पिछले सप्ताह प्रदेश के एक प्रभावी व्यक्ति कोरोना के पॉजीटिव पाए गए। वे ३ दिन अस्पताल में भर्ती भी रहे। अस्पताल सूत्रों के अनुसार उन्हें कोरोना पॉजीटिव पाया गया था, लेकिन प्रभाव के चलते उन्होंने अस्पताल में इलाज कराने के बजाए घर में रहने की बात कही तो स्वास्थ्य विभाग ने उनकी बीमारी को छुपा लिया। स्वास्थ्य विभाग यदि उनकी बीमारी के बारे में जानकारी देता तो उन्हें अस्पताल में उपचार कराना पड़ता।
गुरुवार को मप्र के स्वास्थ्य संचालक डॉ. जे. विजयकुमार की रिपोर्ट पॉजीटिव पाई गई, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन में इसे छुपाया गया। डॉ. विजय कुमार मप्र के २०११ बैच के आईएएस हैं। उन्हें ३ दिन से तेज बुखार आ रहा था। उन्होंने स्वयं कोरोना का टेस्ट कराया रिपोर्ट पॉजीटिव आने के बाद इसे छुपा लिया गया। यह रिपोर्ट मीडिया में लीक होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने स्वयं का बचाव करते हुए तर्क दिया कि उनका पुन: परीक्षण किया जा रहा है।