प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्र के नाम संबोधन देते हुए एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने आज रात यानी 24 मार्च, मंगलवार की रात 12 बजे से पूरे देश में संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा कर दी है।
उन्होंने कहा कि, हिंदुस्तान को बचाने के लिए, हिंदुस्तान के हर नागरिक को बचाने के लिए आज रात 12 बजे से, घरों से बाहर निकलने पर, पूरी तरह पाबंदी लगाई जा रही है। अभी के हालात को देखते हुए, देश में ये लॉकडाउन 21 दिन का होगा । देश के हर राज्य को, हर केंद्र शासित प्रदेश को, हर जिले, हर गांव, हर कस्बे, हर गली-मोहल्ले को अब लॉकडाउन किया जा रहा है। निश्चित तौर पर इस लॉकडाउन की एक आर्थिक कीमत देश को उठानी पड़ेगी।
लेकिन एक-एक भारतीय के जीवन को बचाना इस समय मेरी, भारत सरकार की,देश की हर राज्य सरकार की, हर स्थानीय निकाय की, सबसे बड़ी प्राथमिकता है। इसलिए मेरी आपसे प्रार्थना है कि आप इस समय देश में जहां भी हैं, वहीं रहें। आने वाले 21 दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो, कोरोना वायरस की संक्रमण सायकिल तोड़ने के लिए कम से कम 21 दिन का समय बहुत अहम है। साथियों, आज के फैसले ने, देशव्यापी लॉकडाउन ने आपके घर के दरवाजे पर एक लक्ष्मण रेखा खींच दी है।
आपको ये याद रखना है कि कई बार कोरोना से संक्रमित व्यक्ति शुरुआत में बिल्कुल स्वस्थ लगता है, वो संक्रमित है इसका पता ही नहीं चलता। इसलिए ऐहतियात बरतिए, अपने घरों में रहिए। सोचिए, पहले एक लाख लोग संक्रमित होने में 67 दिन लगे और फिर इसे 2 लाख लोगों तक पहुंचने में सिर्फ 11 दिन लगे। ये और भी भयावह है कि दो लाख संक्रमित लोगों से तीन लाख लोगों तक ये बीमारी पहुंचने में सिर्फ चार दिन लगे।
उन्होंने जनता कर्फ्यू का जिक्र करते हुए कहा कि 22 मार्च को पूरे देश की जनता ने इसमें भरपूर योगदान दिया। हर वर्ग के लोगों ने एकजुट होकर जिम्मेदारी के साथ इसे सफल बनाया। उन्होंने कहा कि कोरोना एक वैश्विक महामारी है। इसे फैलने से रोकना है तो उसके संक्रमण के क्रम को हमें तोड़ना ही होगा। कुछ लोग इस गलत फहमी में हैं कि सोशल डिस्टेंस केवल मरीज के लिए आवश्यक है। यह गलत सोच है। यह हर नागरिक के लिए है। यह प्रधानमंत्री के लिए भी है। यह आपके परिवार को, आपके दोस्तों को और आगे चलकर पूरे देश को बहुत बड़ी तकलीफ दे सकता है। अगर ऐसी लापरवाही जारी रही तो भारत को इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकाना पड़ सकती है। और इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है।