भोपाल। मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा सदन में अपना बहुमत साबित कर दिया। विधानसभा में कांग्रेस पार्टी के विधायक उपस्थित नहीं थे। उन्होंने विधानसभा सत्र का बहिष्कार कर दिया था।
विधानसभा का सत्र 25 मार्च या इसके बाद बुलाया जा सकता है। 23 मार्च को अचानक भाजपा में घटनाक्रम तेजी से घटना शुरू हुए। कल शाम विधायक दल की बैठक बुलाई गई। भाजपा के विधायकों ने शिवराज सिंह चौहान को अपना नेता चुना। रात 9 बजे शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। इसी के साथ विधानसभा सचिवालय ने 24 मार्च को विधानसभा सत्र के आयोजन की अधिसूचना जारी कर दी। कांग्रेस के विधायकों का कहना है कि आधी रात में अधिसूचना जारी करके सुबह सत्र बुलाना गलत है। इसलिए विधायकों ने सत्र का बहिष्कार कर दिया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विश्वास मत प्रस्तुत किया। जिस समय कॉन्फिडेंस मोशन पेश किया गया हाउस में कांग्रेस पार्टी का एक भी विधायक उपस्थित नहीं था। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी सहित निर्दलीय विधायकों ने कॉन्फिडेंस मोशन के फेवर में वोट किया।