भोपाल। मध्यप्रदेश में सत्ता से बाहर हो चुकी कांग्रेस अब पूरी ताकत के साथ अगले छह महीने के भीतर 24 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तैयारी में जुट गई है। ग्वालियर-चंबल की 16 सीटों पर उपचुनाव होना है। जहां भाजपा और कांग्रेस में मुलाबला नहीं होगा, बल्कि राजा और महाराजा के बीच जंग होगी। उप चुनाव के परिणाम बताऐंगे कि सिन्धिया का क्षेत्र में वर्चस्व है या दिग्विजय सिंह का।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने उपचुनाव को लेकर गोटियां फिट करना शुरू कर दिया है। दिग्विजय ने अपने निवास पर पूर्व मंत्री एवं भिण्ड जिले के लहार से कांग्रेस विधायक डॉं. गोविंद सिंह के साथ उपचुनाव को लेकर तैयारियां की। बताया गया कि उपचुनाव में डॉ गोविंद सिंह अहम भूमिका में रहेंगे। क्योंकि सिंधिया के कांग्रेस छोडने के बाद डॉ गोविन्द सिंह और अशोक सिंह ही कांग्रेस के बडे़ नेता हैं। पूर्व विधायक रामनिवास रावत को भी पार्टी उपचुनाव लड़ा सकती है।

उपचुनाव में कांग्रेस का मजबूत पक्ष यह रहेगा कि अब कांग्रेस में सिंधिया गुट पूरी तरह से खत्म हो गया है। उनके समर्थक भी कांग्रेस छोड़ चुके हैं। कांग्रेस की पूरी कोशिश उपचुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीट जीतने की है। खासकर ग्वालियर-चंबल की 16 सीटों पर कब्जा बरकरार रखना होगा। क्योंकि ग्वालियर चंबल की पांच सीट अनुसूचति जाति के लिए आरक्षित हैं, जिन पर चुनाव होना है। जबकि 24 सीटों में 9 सीट अजा वर्ग के लिए और 1 सीट अजजा वर्ग के लिए आरक्षित हैं।

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