भोपाल। कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन जैसी स्थिति है, मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस को महामारी घोषित कर दिया गया है। इस सबके बीच शिवपुरी जिले में एक व्यक्ति की खांसी-जुकाम से मौत हो गई। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर करुणा वायरस की जांच के लिए सैंपल तक नहीं लिए और उसका शव परिजनों को सौंप दिया।
कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार ने तमाम तरह के प्रतिबंध लागू कर दिए हैं ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। संदिग्ध व्यक्तियों की जांच एवं उपचार के लिए आपातकालीन व्यवस्थाएं की गई हैं। इन सबके बीच मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में पूर्व सरपंच हरवीर सिंह यादव की सर्दी खांसी के कारण मौत हो गई। उनकी मृत्यु शिवपुरी के सरकारी अस्पताल में हुई। बावजूद इसके डॉक्टरों ने कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच के लिए किसी भी तरह की कोई प्रक्रिया नहीं अपनाई। मृत्यु के बाद उनका शव उनके परिजनों को सौंप दिया।
यहां बताना जरूरी है कि कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति को आम आदमियों से दूर रखने के निर्देश है। इसके अलावा यदि उसकी मृत्यु हो जाती है तो उसके शव को किस तरह से रखा जाए, परिजनों को कैसे सौंपा जाए और अंतिम संस्कार कैसे करें इन सब को लेकर भारत सरकार ने गाइडलाइन जारी की है। तमाम आदेश निर्देशों की अवहेलना करते हुए शिवपुरी में कथित संदिग्ध मरीज का शव उसके परिजनों को सौंप दिया गया। अंतिम संस्कार भी हो गया। कोई नहीं जानता कि मृत व्यक्ति के शरीर में कोरोना वायरस का संक्रमण था या नहीं।