भोपाल। बेंगलुरु के एक रिसॉर्ट में रुके हुए कांग्रेस के 16 विधायकों से वोट मांगने पहुंचे दिग्विजय सिंह की जब विधायकों के साथ मुलाकात नहीं हुई तो धरने पर बैठ गए। फिर तेवर दिखाते हुए हाईकोर्ट चले गए लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी याचिका को पहली नजर में ही खारिज कर दिया। दिग्विजय सिंह को मुंह की खानी पड़ी।

मैं राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रत्याशी हूं। विधायकों से वोट की अपील करने आया हूं। मुझे उनसे मिलने से कोई नहीं रोक सकता। दिग्विजय सिंह ने कहा कि
मुझे रिसॉर्ट में ठहरे 5 विधायकों ने चुपके से फोन करके बताया कि उन्हें दबाव में रखा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेसी विधायकों को बंधक बना लिया है। कर्नाटक पुलिस उनका साथ दे रही है।

हाईकोर्ट में दिग्विजय सिंह की याचिका खारिज हो जाने के बाद अब किसी भी नेता का इस तरह उनसे मिलने का दावा करना कमजोर पड़ जाएगा। कर्नाटक पुलिस को मध्य प्रदेश के कांग्रेसी नेताओं को 16 विधायकों तक पहुंचने से रोकने के लिए एक उचित कारण मिल गया है। दिग्विजय सिंह की याचिका खारिज हो जाने का एक अर्थ यह भी है कि बेंगलुरु में विधायक ना तो किसी दबाव में है और ना ही बंधक बनाए गए हैं।

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