भोपाल। मध्यप्रदेश के पॉलीटिकल क्राइसिस का अंत वहां जाकर होगा जहां किसी ने शायद सोचा नहीं था। भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह से विश्वास मे थी कि कांग्रेस सरकार गिरेगी और वह बहुमत साबित करके मध्यप्रदेश में अपनी सरकार बनाएंगे। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला। सीएम कमलनाथ की स्ट्रेटजी ओपन हो गई है। मुख्यमंत्री कमलनाथ मध्यावधि चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं। यदि राज्यपाल ने कांग्रेस सरकार को बर्खास्त किया या ऐसी कोई भी स्थिति बनी जिसके कारण मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने वाली हो, तब कांग्रेस के सभी विधायक सामूहिक इस्तीफा दे देंगे। इस तरह मध्यावधि चुनाव की स्थिति बन जाएगी।
बेंगलुरु में आधा दर्जन से ज्यादा विधायकों की गिरफ्तारी के बावजूद बुधवार को भोपाल में हुई कैबिनेट मीटिंग में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वह सभी फैसले लिए जो मध्यावधि चुनाव से पहले लिए जाना जरूरी था। मध्यप्रदेश में 3 नए जिलों (मैहर, नागदा एवं चाचौड़ा) की घोषणा कर दी गई। उनकी कोशिश है कि आने वाले 3 दिनों में ज्यादा से ज्यादा ऐसे फैसले लिए जाएं जो वचन पत्र को पूरा करते हो।
अपनी पार्टी के नेताओं को संतुष्ट करने के लिए कई तरह की नियुक्तियां पहले ही की जा चुकी है। इसके अलावा एक दर्जन से ज्यादा भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को बदला जा चुका है। राज्य प्रशासनिक सेवा और मध्य प्रदेश पुलिस सेवा की 100 से ज्यादा अधिकारियों के ट्रांसफर हो चुके हैं। भाजपा का कहना था कि यह तबादला उद्योग है। अब स्पष्ट हुआ कि यह चुनावी तैयारी थी।
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