निवाडी। मध्यप्रदेश के निवाडी जिले के सेंदरी थाना अंतर्गत होली के दिन शाम को गांव के दो युवकों में किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई। इसके बाद युवकों में मारपीट हो गई। इस घटना की रिपोर्ट करने जब युवक थाने पहुंचा तो थाने में पदस्थ आरक्षक ने उसके साथ मारपीट की । मारपीट के बाद युवक के परिजनों से लेनदेन कर उसे छोड दिया। इस घटना से युवक इतना अधिक आहत हुआ कि उसने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना की सूचना मिलने पर एसडीएम के अलावा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने मौका मुआयना किया तथा थाना सेंदरी में पदस्थ तीन आरक्षकों को तत्काल प्रभाव से लाईन अटैच कर दिया।

सेंदरी निवासी वीरसिंह यादव ने बताया कि उसके पुत्र रोहित यादव का गंभीर सिंह ठाकुर, कोमल ठाकुर एवं मनोहर ठाकुर से विवाद हो गया और यह विवाद इतना अधिक बढ गया कि दोनों पक्षों में मारपीट हो गई। घटना की रिपोर्ट लिखाने उसका पुत्र रोहित यादव जब थाने पहुंचा तो रोहित यादव के साथ आरक्षकों ने मारपीट कर दी।

वीरसिंह यादव ने बताया कि उसका पुत्र पुष्पेन्द्र यादव थाने पहुंचा तो आरक्षकों ने उससे तीन हजार रुपया लिए तब कहीं प्रमोद यादव को छोडा। इस घटना के बाद प्रमोद यादव काफी व्यथित हो गया और उसे परिजनों को बताया कि उसकी गांव में बदनामी हो गई है, अब वह किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं वचा, और हम मर जाएंगे। इसकी जानकारी जब पुलिस को हुई तो पुलिस ने एक पंचनामा भी लिखवा लिया कि यदि प्रमोद यादव मर जाता है, तो पुलिस की कोई जबाबदारी नहीं होगी।
थाना सेंदरी में युवक की मौत की खबर मिलने पर एसडीएम वंदना राजपूत तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेन्द्र कुमार जैन पुलिस बल के साथ पहुंचे, जहां अधिकारियों ने घटना स्थल का निरीक्षण किया। यहां मृतक के परिजनों सहित ग्रामीणों ने अधिकारियों को बताया कि प्रमोद यादव के साथ पुलिस के जवानों ने बेवजह मारपीट की साथ ही तीन हजार रुपया भी वसूल कर लिए तब कहीं उसको छोडा। एडीशनल एसपी के निर्देश पर सेंदरी थाना पुलिस ने घटना के आरोपी गंभीर सिंह ठाकुर, मनोहर सिंह ठाकुर तथा कोमल सिंह ठाकुर के खिलाफ धारा 306, 34 भादवि के तहत मामला पंजीबद्ध कर जांच प्रारंभ कर दी।

सेंदरी पुलिस के द्वारा युवक के साथ मारपीट किए जाने एवं उसके बाद युवक के द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले को लेकर जिले भर के थानों से काफी संख्या में पुलिस बल को बुलाया लिया गया था। यहां पुलिस के जवान चप्पे-चप्पे पर तैनात रहे। लोगों के आक्रोश को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेन्द्र जैन तथा एसडीएम वंदना राजपूत ने ग्रामीणों को आश्वस्त करते हुए कहा कि इस मामले में किसी को बख्शा नहीं जाएगा तथा दोषी पुलिस के जवानों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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