भोपाल। बेंगलुरु में बैठे 19 में से 17 विधायकों ने बुधवार को वीडियो जारी कर ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रति निष्ठा जताई। रिसॉर्ट में ठहराए गए इन विधायकों और मंत्रियों ने कहा कि हम पूरी तरह से महाराज के साथ हैं। इन लोगों ने दावा किया कि कांग्रेस से मिलने या संपर्क करने की खबरें झूठी हैं। हम बेंगलुरु अपनी इच्छा से आए हैं। वीडियो जारी करने वालों में 5 मंत्री भी शामिल हैं।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को विधायक दल की बैठक के बाद दावा किया था कि सरकार पर कोई संकट नहीं है। बेंगलुरु गए सभी विधायक उनके संपर्क में हैं।

कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे तुलसी सिलावट, इमरती देवी, प्रद्युम्न सिंह, प्रभुराम चौधरी, गोविंद सिंह राजपूत के अलावा विधायक महेंद्र सिंह सिसोदिया, सुरेश धाकड़, रक्षा संतराम सरोनिया, जजपाल सिंह जज्जी, विजेंद्र सिंह, रघुराज कंसाना, ओपीएस भदौरिया, मुन्नालाल गोयल, गिर्राज दंडोतिया, कमलेश जाटव, रणवीर सिंह जाटव, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, हरदीप सिंह डंग और मनोज चौधरी ने वीडियो जारी किया।

कमलनाथ सरकार में मंत्री और डबरा से विधायक इमरती देवी ने कहा कि कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद हमें काम नहीं मिल रहा था। कमलनाथ के नेतृत्व में बुरा हाल हो गया था। महाराज जहां भी बोलते वहां जाने को तैयार हूं। वे कुएं में कूदने कहेंगे तो वो भी कर दूंगी। मैं हमेशा उसके साथ रहूंगीं। सभी 19 विधायक अपनी मर्जी से यहां हैं। हमें खुशी है कि सिंधिया ने भाजपा में जाने का निर्णय लिया है।

तुलसी सिलावट ने कहा- जो लोग कह रहे हैं कि हम उनके संपर्क में है, उन्हीं लोगों को घुटन हो रही है। इन लोगों ने हमसे कहा है कि हमें भी अपने साथ ले लो। अब मध्यप्रदेश में कांग्रेस खत्म हो जाएगी।

कांग्रेस के मीडिया कोऑर्डिनेटर नरेंद्र सलूजा ने कहा कि सिंधिया समर्थक मंत्री-विधायक दबाव में हैं। उनके ये वीडियो पुराने हैं, उनके मुरझाए चेहरे बता रहे हैं कि उन पर दबाव बनाया गया है। ये वीडियो माधवराव सिंधिया की तस्वीर के सामने बनाए गए हैं। मोदी और अमित शाह की फोटो के साथ नहीं।

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