भोपाल ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के 22 विधायक किस तरफ जाएंगे, इसे लेकर सस्पेंस बना हुआ है। ये विधायक अभी बेंगलुरु में हैं। उनके पाला बदलने के खतरे को देखते हुए भाजपा ने 105 विधायकों को मानेसर और कांग्रेस ने करीब 80 विधायकों को जयपुर भेज दिया है। कांग्रेस के ही कुछ विधायक भोपाल में बने हुए हैं। सियासी हलचल में तकनीकी पेंच यह है कि कांग्रेस के बागी विधायकों ने विधानसभा सदस्यता छोड़ी है, पार्टी नहीं। कांग्रेस ने भी अभी इन्हें बर्खास्त नहीं किया है। इसी आधार पर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह नया दावा कर रहे हैं। उन्होंने बुधवार को कहा- ‘‘22 बागियों में से 13 विधायकों ने हमें भरोसा दिलाया है कि वे कांग्रेस नहीं छोड़ेंगे। इस तरह हमारी सरकार फ्लोर टेस्ट जीत लेगी। हम न सो रहे हैं, न चुपचाप बैठे हैं।
सिंधिया चले जाएंगे, इसका अंदाजा नहीं था : दिग्विजय
दिग्विजय ने सिंह ने कहा- सिंधिया कांग्रेस छोड़कर चले जाएंगे, हमें इसका अंदाजा नहीं हो पाया। हमसे यह चूक हुई। सिंधिया को हमने मध्यप्रदेश के डिप्टी सीएम की पोस्ट ऑफर की थी। लेकिन वे अपने किसी आदमी को इस पद पर बैठाना चाहते थे। कमलनाथ को (सिंधिया के) किसी चेले को डिप्टी सीएम बनाना मंजूर नहीं था। सिंधिया को राज्यसभा का टिकट भी मिल सकता था।
भाजपा के पास 107 विधायक हैं। इनमें से 105 विधायकों को भाजपा ने मंगलवार रात ही भोपाल में पार्टी मुख्यालय से बसों में बैठाकर एयरपोर्ट भेज दिया और दिल्ली रवाना कर दिया। इन्हें मंगलवार देर रात दिल्ली पहुंचने के बाद गुड़गांव के आईटीसी ग्रैंड होटल ले जाया गया। दो बचे विधायकों में शिवराज सिंह चौहान दिल्ली में और नारायण त्रिपाठी अपनी मां के निधन की वजह से मध्यप्रदेश में ही हैं।
मुख्यमंत्री कमलनाथ के आवास पर 16 घंटे में दूसरी बार कांग्रेस विधायकों की बैठक हुई। पहली बैठक मंगलवार शाम 6 बजे हुई थी। इसमें कांग्रेस के 90 और 4 निर्दलीय विधायक मौजूद थे। दूसरी बैठक बुधवार सुबह करीब 10 बजे शुरू हुई। दो घंटे की बैठक के बाद विधायकों ने यहां नाश्ता किया। फिर 94 में से 80 विधायकों को तीन बसों में बैठाकर सीधे एयरपोर्ट रवाना कर दिया गया। विधायक जिन कारों में आए थे, उन्हें खाली ही लौटा दिया गया।
कांग्रेस ने सबसे भरोसेमंद 14 विधायकों को भोपाल में रोक रखा है। बताया जा रहा है कि राजनीतिक उठापटक और 26 मार्च को राज्यसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर इन विधायकों को भोपाल में रोका गया है। मध्यप्रदेश की 3 राज्यसभा सीटों पर चुनाव के लिए शुक्रवार को नामांकन का आखिरी दिन है।
बेंगलुरु से 40 किलोमीटर दूर रिसॉर्ट पाम मेडोज के साथ तीन अलग-अलग जगहों पर सिंधिया समर्थक विधायकों को ठहराया गया है। ये जगह कर्नाटक के भाजपा विधायक अरविंद लिंबोवली के निर्वाचन क्षेत्र में है। सभी विधायक कमांडो की निगरानी में हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बेटे और सांसद बीवाय राघवेंद्र और विजयन इन विधायकों को संभाल रहे हैं। इनके साथ भाजपा के वरिष्ठ नेता अरविंद भदौरिया भी हैं।