भोपाल। जैसी की उम्मीद थी मध्यप्रदेश में कांग्रेस के चाणक्य दिग्विजय सिंह अपने पिटारे में कुछ नया लेकर आए हैं। उन्होंने बयान दिया है कि हम आपको सबसे बड़ी ब्रेकिंग न्यूज़ देंगे, कुछ दिन इंतजार कीजिए। याद दिलाने की सोमवार के सारे घटनाक्रम में दिग्विजय सिंह लगातार मीडिया से दूरी बनाए रहे। ‘दाता’ को नजदीक से जानने वाले समझ गए थे कि वह कुछ नया और शायद विस्फोटक बना रहे हैं।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि जिस भी दिन फ्लोर टेस्ट होगा, उसके नतीजे सबको चौंका देंगे। पूर्व सीएम दिग्विजय ने कमलनाथ की तारीफ करते हुए कहा कि इस परिस्थिति में वह जिस तरह का धैर्य दिखा रहे हैं, मैं उसकी कद्र करता हूं। सिंधिया को आड़े हाथ लेते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘उन्हें अमित शाह या निर्मला सीतारमण की जगह देनी चाहिए, वह इन दोनों से बेहतर काम कर सकते हैं। हम कामना करते हैं कि वह मोदी-शाह के संरक्षण में आगे बढ़ेंगे। हम महाराज को बधाई देते हैं।’
इंडियन एक्सप्रेस अखबार को दिए गए इंटरव्यू में दिग्विजय सिंह ने कहा है कि उन्हें बिलकुल उम्मीद नहीं थी कि ज्योतिरादित्य सिंधिया इस्तीफा दे देंगे। दिग्विजय ने दुख जताया कि सिंधिया ने इस काम के लिए अपने पिता के जन्मदिन को चुना। राज्यसभा टिकट के सवाल पर दिग्विजय ने कहा है कि सिंधिया को ना कौन कहेगा? हम सब उनका समर्थन कर रहे थे, ऐसी कोई बात ही नहीं है।
हम तो ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष और डिप्टी सीएम बनाने तक को तैयार थे: दिग्विजय सिंह
दिग्विजय सिंह आगे कहते हैं, ‘हम उन्हें राज्य कांग्रेस का अध्यक्ष और मध्य प्रदेश का डेप्युटी सीएम भी बनाने को तैयार थे। मैंने करीब तीन-चार महीने पहले इस बारे में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी बातचीत की थी। सिंधिया पिछले तीन महीने से बीजेपी से डील कर रहे थे। वह सीधे तौर पर अमित शाह के संपर्क में थे लेकिन गुना और दतिया के नेता इसका विरोध कर रहे थे। बीजेपी के लोग जब कांग्रेस नहीं तोड़ पाए तो खुद अमित शाह ने बागडोर संभाल ली। पिछले तीन महीने से यही सब चल रहा है।’
कमलनाथ की सरकार अब गिरने वाली है? इस सवाल पर दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘आप चौंक जाएंगे। शायद 18 मार्च को फ्लोर टेस्ट होगा तो नतीजे हैरान करने वाले होंगे। मैं इस उम्र में भी आपसे इस बात का दावा कर सकता हूं। इस स्थिति में कमलनाथ ने जिस तरह का धैर्य और जज्बा दिखाया है, मैं उसकी तारीफ करता हूं।’
दिग्विजय सिंह ने यह भी बताया कि वह और कमलनाथ, सिंधिया के संपर्क में थे। दिग्विजय कहते हैं, ‘कमलनाथ ने सिंधिया से संपर्क किया और वे दिल्ली में मिलने वाले थे। मैंने भी उनसे बात की थी लेकिन अचानक उन्होंने मेरा फोन उठाना बंद कर दिया और अपना फोन स्विच ऑफ कर लिया। अब वह मांग कर रहे हैं कि उनके जिन 15 विधायकों ने इस्तीफा दिया है, उन्हें मंत्री बनाया जाए।’