भोपाल। विश्व महिला दिवस के मौके पर प्रदेश सरकार ने आंगनबाड़ी सहायिका एवं आशा कार्यकर्ताओं को बड़ी सौगात दी है। सीएम कमलनाथ ने मुख्यमंत्री कल्याण योजना बनाने का ऐलान किया है। इस योजना से प्रदेश की ढाई लाख महिलाओं को लाभ मिलेगा। सीएम ने स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट एवं महिला बाल विकास मंत्री इमरती देवी को मसौदा तैयार करने के निर्देश दिए हैं। खास बात ये है कि मध्यप्रदेश सरकार ने ऐसे समय में ये ऐलान किया है जब सूबे में राजनीतिक उठापटक चरम पर है। निकाय चुनाव और राज्यसभा चुनाव से पहले ये कमलनाथ सरकार का बड़ा कदम माना जा रहा है। ये वो महिलाएं हैं जिन्हें रेग्युलर स्टॉफ के जैसी सरकारी सुविधाएं नहीं मिल पाती। सरकार की तरफ से अब तक इन्हें केवल मानदेय और प्रोत्साहन राशि का सहारा ही मिल पाता था। प्रदेश में आंगनबाड़ी, आशा सहायिका और कार्यकर्ताओं का बड़ा वोट बैंक है। जिसको साधने का सरकार ने प्रयास किया है।

विश्व महिला दिवस के मौके पर सीएम कमलनाथ ने प्रदेश की महिलाओं को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को गरिमापूर्ण तरीके से अपने अधिकारों का उपयोग करने के लिए अनुकूल वातावरण का निर्माण करना सरकार और समाज की साझा जिम्मेदारी है। महिलाओं ने अपनी प्रतिभा से दिखा दिया है कि वे हर तरह की चुनौती का सामना कर सकती हैं। उन्होंने प्रदेश के विकास में योगदान कर रही सभी महिलाओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि महिलाओं के योगदान कि बिना आगे बढऩा मुश्किल है। वे समाज का आधार स्तम्भ हैं।

वहीं बीजेपी ने प्रदेश सरकार की योजना पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार को पहले की योजनाओं को बंद नहीं करना चाहिए था। सरकार पहले की योजनाओं को तो सुचारू रूप से चला नहीं पाई। उन्होंने आगे कहा कि अब प्रदेश की महिलाओं को योजना के मसौदे का इंतजार करना होगा। महिलाओं कार्यकर्ताओं को मसौदे में ये जानना देखना होगा कि क्या इस योजना में बरसों से मांगी जा रही मांगों को सरकार पूरा करेगी या फिर कार्यकर्ताओं को दोबारा आवाज उठानी पड़ेगी।

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