भोपाल। मध्यप्रदेश में हॉर्स ट्रेडिंग को लेकर मचे घमासान के बीच उज्जैन के तराना के कांग्रेस विधायक महेश परमार ने बुधवार को आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुझे कांग्रेस छोडकर भाजपा में शामिल होने के लिए 35 करोड रुपए का ऑफर दिया। उन्होंने मनचाहा मंत्री पद दिए जाने और आगे भी ध्यान रखने की बात मुझ से कही थी। पूर्व सीएम ने वाट्सएप कॉल के जरिए मुझसे संपर्क किया।
विधायक परमार ने कहा कि पूर्व सीएम चौहान ने किसी और से फोन लगवाकर बात की। विधायक परमार ने यह भी कहा पूर्व सीएम चौहान महाकाल मंदिर में कसम खाकर कहें कि उन्होंने मुझे फोन लगाकर 35 करोड का ऑफर नहीं दिया। मेरी बात सच नहीं हो तो मैं भगवान महाकाल के मंदिर में जाकर जीवनभर के लिए राजनीति से संन्यास ले लूंगा। उनसे पूछा कि दो दिन तक यह बात क्यों छिपाए रखी तो उनका कहना था मैंने 2 मार्च को ही मुख्यमंत्री कमलनाथ, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया, जिले के प्रभारी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, मंत्री जीतू पटवारी व मंत्री जयवर्धन सिंह को इससे अवगत करा दिया था। उन्होंने मुझ जैसे कार्यकर्ता को कांग्रेस ने विधायक बनाया, मरते दम तक कांग्रेस और मेरे कार्यकर्ताओं के लिए समर्पित रहूंगा।
दूसरी तरफ कांग्रेस के जिला प्रवक्ता विवेक गुप्ता ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को मेल किया है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व अन्य भाजपा नेता जनादेश के बाद बनी कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के लिए हमारे विधायकों को खरीद-फरोख्त के प्रलोभन दे रहे हैं। पूर्व सीएम चौहान ने तराना के विधायक महेश परमार को 35 करोड रुपए व भाजपा सरकार बनने पर मंत्री पद का लालच दिया जाना निंदनीय है। आपकी पार्टी स्वच्छ स्वस्थ राजनीति की बात तो करती है लेकिन आपके नेताओं व शिवराज सिंह के कृत्य बाद आपकी पार्टी का चेहरा जनता के समक्ष उजागर हो चुका है। आप पूर्व सीएम चौहान व पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के खिलाफ कार्रवाई करते हुए अपनी पार्टी से निष्कासित करें। वहीं, बुधवार को आगर पहुंचे पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से चर्चा में कहा कांग्रेस के विधायक भी सरकार से नाराज हैं। एक-दूसरे को निपटाने में लगे हैं। वो कुछ भी कहते रहे, उनका काम केवल आरोप लगाना है।