श्री 1008 महावीर स्वामी दिगम्बर कीर्तिस्तंभ जैन मंदिर में विराजमान आचार्य प्रसन्न सागर महाराज ने कहा कि हाथ जोड़कर जिओ, हाथ बांधकर जिओगे तो तुम्हारे अपने ही पराये हो जायेगे, हाथ जोड़कर जिओगे तो पराये भी तुम्हारे अपने हो जायेगे। भारत वो देश है जहां अतिथि का स्वागत हाथ मिलाकर नही, हाथ जोड़कर किया जाता है इस देश में हाथ जोड़कर अभिवादन करने का रिवाज हैै। हाथ मिलाने, शेक-हैंड करने का भारतीय रिवाज नही है, हाथ मिलाने का रिवाज पश्चिमी देशों का है। वहां हाथ मिलाने का मतलब हाथ दबाने, दबाने में वे एक दूसरे की ताकत भांप लेते है और फिर उसी ताकत के अनुसार एक दूसरे का स्वागत वंदन अभिनंदन करते है। भारत में किसी की ताकत नापने की जरूरत नही है क्योकि –
भारत गौरव अंतर्मना संत ने कहा है कि हम और तुम, तुम और सब एक है सबमें वही प्रभु है सब में वही आत्मा है। सब में उसी प्रभु का प्रकाश है। सबमें एक जैसा प्रभु है तो स्वाभाविक है कि सब एक जैसे है भारत में प्रभु की ताकत है लेकिन पश्चिमी देशों में, यूरोपीय देशा में पद और पैसा ताकत है। वहां व्यक्ति जितने बड़े औहदे पर और जितनी ज्यादा सम्पत्ति का मालिक होगा वह उतना ही ज्यादा ताकतवर माना जाता हैै तो मैनें उस नौजवान से कहा भाई तू संत मुनियों को प्रणाम करता है यह तो ठीक है लेकिन अपने मां बाप की उपेक्षा कर रहा है। यह कतई ठीक नही हैै। मां बाप की चरण धूलि का महत्व किसी मंदिर के चंदन से कम नही है। कभी कभी उस चंदन से अपने माथे को महका लिया कर। मैं बड़ा हो गया हॅू यह झूठा भ्रम आदमी को तत्क्षण खत्म कर देना चाहिए अगर इसे तत्क्षण खत्म न किया गया तो यह आगे चलकर बड़ा विस्फोटक हो जाता है। घर का दीवार में पीपल का पेड़ उसे एकदम जला देना चाहिए और यदि किसी भय उस पेड़ को न काटा गया, न गिराया गया तो फिर वह पेड़ घर को ही गिरा देता है मन में जब भी अहंकार पौध अंकुरित हो उसे तुरंत उखाड़ फेंकना चाहिए अगर ऐसा न किया गया तो वह छोटा सा अहंकार का पौधा शक्ति के महत्व को नष्ट कर देता है।