इंदौर । एक युवती द्वारा लगाए गए दुष्कर्म के आरोप में कोर्ट ने माना कि युवती पहले से शादीशुदा थी , ऐसे में यह आरोप सिद्ध नहीं पाया गया कि शादी का प्रलोभन देकर आरोपी ने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाकर दुष्कर्म किया। इसके चलते अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्राणेश कुमार प्राण ने आरोपी को दोषमुक्त करार दिया।

मामला इस प्रकार है कि राऊ की युवती ने आरोप लगाया था कि अंकित गुप्ता से उसकी एक जिम में वर्ष 2014 में मुलाकात हुई । इसके बाद हुई दोस्ती के दौरान उसने शादी का प्रलोभन दिया और अनेक बार जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए ।

साथ ही इस दलित युवती ने उसे जातिसूचक शब्द कहे जाने के आरोप भी लगाए , जिसके आधार पर पुलिस ने आरोपी के विरुद्ध दुष्कर्म व एससीएसटी एक्ट का मामला दर्ज किया । कोर्ट में आरोपी की ओर से एडवोकेट अजय शंकर उकास व सुरेन्द्र गुप्ता द्वारा तर्क में बताया गया कि फरियादी युवती पहले से शादीशुदा है और उसका बेटा भी है।

वह अपने पति से बिना तलाक के अलग रह रही है। ऐसे में शादी का प्रलोभन देकर शारीरिक संबंध बनाने का आरोप गलत है। इन तर्कों के आधार पर अदालत ने आरोपी को दोषमुक्त कर दिया ।

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