मंदसौर। पूरी दुनिया में चीन के वुहान शहर से शुरू हुए कोरोना वायरस का डर सता रहा है। इसी खौफ के बीच चीन की एक लड़की अपने पूरे परिवार के साथ मध्यप्रदेश के मंदसौर के लड़के से शादी करने पहुंची। नेशनल इंश्योरेंस कंपनी में कार्यरत रंगकर्मी वेद मिश्रा व महिला एवं बाल विकास विभाग में कार्यरत ज्योति नवहाल का इकलौता बेटा सत्यार्थ मॉस कम्यूनिकेशन की पढाई करने शेरीडल कॉलेज कनाडा गया था। इसी दौरान चीन के डिजियोंग शहर की निवासी जी हाओ डोरा भी उसी कॉलेज में पढने आई। जी हाओ को भाषा की दिक्कत होने पर सत्यार्थ उसकी मदद करता था और यह मदद कब प्यार में बदल गई, दोनों को पता नहीं चला। पढाई पूरी करने के बाद सत्यार्थ कनाडा में ही सेटल हो गया। जी हाओ भी वहीं मेकअप आर्टिस्ट का काम कर रही है। अब दोनों के परिवारों की सहमति से 2 फरवरी को मंदसौर में दोनों का विवाह हो रहा है। शुक्रवार को इनकी हल्दी व मेहंदी की रस्म हुई।
विवाह भारतीय परंपरानुसार हो रहा है। समारोह में शामिल होने चीन के डिजियोंग शहर से वधू डोरा के पिता शीबो वांग, माता जीन गुआन, मौसी शेंग वेन व कजिन रोथांग श्यू मंदसौर आए हुए हैं। इनको भाषा संबंधी कोई दिक्कत नहीं हो, इसके लिए डॉ. गौरी चौधरी भी ट्रांसलेटर की भूमिका निभा रही हैं।
वरिष्ठ रंगकर्मी व साहित्यकार वेदप्रकाश मिश्र व ज्योति नवहाल ने अपने इकलौते बेटे सत्यार्थ द्वारा चाइना की लडकी से शादी करने की इच्छा को एक बार में ही मान लिया और विदेशी बहू होने के बाद भी खुशी-खुशी शादी की तैयारियां शुरू कर दी हैं। शुक्रवार को सत्यार्थ के साथ डोरा की हल्दी व मेहंदी की रस्म हुई।
चायनीज और भारत की अलग-अलग परंपराओं और भाषाओं का मेल नहीं होने के बाद भी दोनों परिवारों के सगे-संबंधी एक ही मंडप तले एकत्र हैं। इनके बीच भाषा की खासी दिक्कत भी है। लेकिन प्रेम की भाषा के आगे होंठो की जरूरत खत्म हो जाती है। दूल्हा-दुल्हन तो काफी समय से एक साथ रहने के कारण अंग्रेजी में आपस में बात कर लेते हैं। लेकिन दुल्हन के माता-पिता व अन्य संबंधियों को न तो अंग्रेजी आती है और न हिंदी में वे कुछ समझ या बोल पा रहे हैं। इसका भी जुगाड तकनीक से किया गया है। सभी ने अपने मोबाइल में लैंग्वेज ट्रांसलेटर का एप डाउनलोड किया है। जिसमें वे बोलते हैं, जो उसका अनुवाद अंग्रेजी में हो जाता है और उसे सुनकर सामने वाला अंग्रेजी में जवाब दे रहा है।