उत्तरप्रदेश के फर्रुखाबाद में जमानत पर छूटे हत्या के दोषी ने गुरुवार को 23 बच्चों को 8 घंटे तक घर में बंधक बनाए रखा। दिन में पुलिस और एटीएस बच्चों को छुडाने में नाकाम रही। इसके बाद देर रात एनएसजी कमांडो का एक दस्ता फर्रुखाबाद रवाना हुआ। लेकिन रात करीब 1 बजे पुलिस ने ग्रामीणों के साथ मिलकर ऑपरेशन चलाया और बदमाश सुभाष बाथम के घर का दरवाजा तोड़कर बच्चों को सुरक्षित निकाला। इसी दौरान मुठभेड़ में बाथम मारा गया। पुलिस ने जख्मी हालत में उसकी पत्नी रूबी को अस्पताल भेजा, इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। बदमाश ने गांववालों से बदला लेने के लिए बेटी की बर्थडे पार्टी के बहाने बच्चों को बुलाकर अंडरग्राउंड कमरे में बंद कर दिया था।
डीजीपी ओपी सिंह ने देर रात बताया कि पुलिस ने पिछले दरवाजे से घर में घुसने की कोशिश की। इस पर बाथम ने फायरिंग की और जवाबी कार्रवाई में मारा गया। इस दौरान उसकी पत्नी भी घायल हो गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस टीम को 10 लाख रु. इनाम देने की घोषणा की है।
आईजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि बाथम के घर की तलाशी के दौरान राइफल-कारतूस और भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद हुआ है। इतने असलहा से वह पुलिस के साथ तीन दिन तक मोर्चा ले सकता था। ज्यादा वक्त तक पुलिस को इंगेज रख सके, इसलिए रुक-रुककर फायरिंग कर रहा था। शुरुआत में दहशत पैदा करने के लिए उसने पुलिस और ग्रामीणों पर गोलीबारी की। इसमें कई लोग घायल हुए।
मोहम्मदाबाद के करथिया गांव में जमानत पर बाहर आए बाथम ने बेटी के जन्मदिन के बहाने बच्चों को घर बुलाया। फिर सभी को एक अंडरग्राउंड कमरे में बंद कर दिया। इसके बाद वह नशे में छत पर चढ़कर चीखने लगा कि अब पुलिस उसे पकड़ने आई, तो नतीजा भुगतना पड़ेगा। यहां गांव के लोग जमा हो गए। बच्चों को छुड़ाने पहुंची पुलिस टीम पर उसने गोलियां चलाईं। 2 पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने बाथम के दोस्त को उसे मनाने के लिए भेजा, उसे भी गोली लगी है। बाथम ने 6 बार फायरिंग की और घर के बाहर हथगोला भी फेंका था। इतना ही नहीं उसने 35 किलो बारूद से घर को उडाने की धमकी भी दी।
बाथम को मौसा की हत्या के मामले में उम्रकैद हुई थी। 10 साल तक वह जेल में रहा। फिर हाईकोर्ट ने जमानत दे दी। करीब चार महीने पहले स्वाट टीम उसे चोरी के मामले में पकड़कर ले गई थी, तभी से वह गांव के लोगों से दुश्मनी रखता था। उसे शक है कि गांव वालों की वजह से ही वह मर्डर केस में फंसा। पुलिस और ग्रामीणों से बदला लेने के लिए उसने बच्चों को बंधक बनाने की योजना बनाई।