उज्जैन। मध्यप्रदेश महाकालेश्वर की नगरी उज्जैन में चाइना में फेल रहे कोरोना वायरस के संदेही मरीज उज्जैन में भी मिले हैं। उन्हें माधव नगर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया है। मरीज चाइना के वुहान में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है। वह 13 जनवरी को भारत लौटा। चाइना से आने वाले लोगों की जांच के लिए एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग की व्यवस्था है, लेकिन उसके पहले ही छात्र भारत लौट आया था। इस वजह से उसकी वहां पर जांच नहीं हो सकी।
उज्जैन में मिले संदेही मरीज को सर्दी-खांसी बनी हुई है, विदेश मंत्रालय की सूचना पर ऐसे मरीजों की तलाश सभी जगह की जा रही है, इसी के तहत उज्जैन में कोरोना वायरस के मरीज मिले। उनके सैंपल लेकर जांच के लिए पुणे भेज दिए हैं। सीएमएचओ डॉ. महावीर खंडेलवाल ने बताया मरीज और उसकी मां को संदेही वायरस कोरोना हो सकता है। दोनों का इलाज शुरू कर दिया है। वायरस की पुष्टि के लिए सैंपल लेकर पुणे भेज दिए हैं। जांच रिपोर्ट आने पर ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी दोनों की हालत खतरे से बाहर है।
संक्रमण की आशंका में जयपुर, मुंबई, पटना, बेंगलुरू, उज्जैन सहित विभिन्न शहरों में 14 लोग अस्पतालों में भर्ती हैं। कोलकाता में चीन की एक महिला को बीमार होने पर आइसोलेशन वार्ड में रखा गया। देशभर में 450 लोग निगरानी में हैं। भारत में अभी तक कोरोनावायरस का कोई केस कन्फर्म नहीं हुआ है। केंद्र के अधिकारियों ने सोमवार को बैठक कर कोरोनावायरस से निपटने की तैयारियों का जायजा लिया। प. बंगाल, उत्तराखंड, यूपी, बिहार और सिक्किम को निर्देश दिए गए हैं कि नेपाल से आने वालों की स्क्रीनिंग की जाए। प. बंगाल के पानीटंकी, उत्तराखंड के जुआलघाट व जौलजिबी में स्क्रीनिंग शुरू।
इजराइल के पूर्व मिलिट्री इंटेलिजेंस अधिकारी डैनी शोहम ने आशंका जताई है कि वुहान की लैबोरेट्री में जैविक हथियारों पर चोरी-छिपे चल रही रिसर्च में ही कोरोना वायरस पैदा हुआ होगा। वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी चीन का सबसे उन्नत वायरस रिसर्च संस्थान है।
डब्ल्यूएचओ ने माना कि कोरोना वायरस के वैश्विक जोखिम के आंकलन में गलती हुई। संस्था ने जोखिम स्तर ‘मध्यम’ से बढ़ाकर ‘उच्च’ कर दिया है। चीन में यह जोखिम ‘बेहद उच्च’ है।