इंदौर। मध्यप्रदेश की संस्कारधानी इंदौर के गीता भवन चौराहे पर 2 दिन पहले केरोसिन डालकर खुद को आग लगाने वाले माकपा नेता रमेश प्रजापति (75वर्ष) की रविवार रात इलाज के दौरान मौत हो गई। उन्हें 90 प्रतिशत जली हालत में एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां बर्न यूनिट में इलाज चल रहा था। रमेश की जेब में सीएए और एनआरसी के विरोध में लिखे पर्चे भी मिले थे। आत्मदाह को लेकर परिजन ने पुलिस से जांच की मांग की है।
तुकोगंज टीआई निर्मल श्रीवास ने बताया कि रमेश प्रजापति शुक्रवार शाम 7 बजे गीता भवन चौराहा स्थित एक ऑटोमोबाइल्स शोरूम के पास पहुंचे। यहां बोतल में भरा केरोसिन खुद पर डालकर आग लगा ली। उन्हें लपटों में घिरा देख लोग सकते में आ गए। घटनास्थल के पास रहने वाले डीएसपी सुनील तालान ने पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी। तुकोगंज थाने के जवान वहां पहुंचे और लोगों की मदद से प्रजापति की आग बुझाकर एमवाय पहुंचाया। यहां दो दिन चले इलाज के बाद रविवार रात उनकी मौत हो गई।

रमेश के परिजन ने मौत को लेकर शंका जाहिर की है। उनके अनुसार, रमेश प्रतिदिन धरना-प्रदर्शन में शामिल होने जाते थे। कम्युनिस्ट पार्टी से सालों से जुडे थे। उन्होंने ने इससे भी बडे-बडे मुद्दों पर पार्टी के साथ जुड कर प्रदर्शन किया। उस दिन भी वे घर से विरोध प्रदर्शन में शामिल होने निकले थे। फिर ऐसा क्या हुआ कि उन्होंने खुद को आग लगा ली। इस मामले में जांच होनी चाहिए। उनकी जेब से सीएए और एनआरसी विरोधी पर्चे भी मिले थे।

कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव छोटेलाल सरावद और कैलाश लिंबोदिया ने बताया कि प्रजापति रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी थे। वे कई दिनों से सीएए और एनआरसी के विरोध में माणिकबाग और बडवाली चौकी में पार्टी की ओर से प्रदर्शन कर रहे थे। यूथ कांग्रेस अध्यक्ष रमीज खान के अनुसार प्रजापति ने खुद को आग लगाने से पहले सीएए के खिलाफ नारे लगाए थे।

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