जबलपुर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने माफिया के खिलाफ कार्रवाई के लिए सभी जिलों के कलेक्टरों को फ्री हैंड दे दिया है बावजूद इसके ज्यादातर जिलों में माफिया के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पा रही है। ऐसे जिलों की लिस्ट में जबलपुर भी एक नाम है। यह कलेक्टर भरत यादव चाहते हैं कि माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो परंतु उनका अधीनस्थ प्रशासनिक अमला शायद उनका साथ नहीं दे रहा है। यही कारण है कि वह अपने अधिकारियों पर नाराज हो गए। उन्होंने सभी एसडीएम और तहसीलदारों से लिखित में जवाब मांगा है।
कलेक्टर भरत यादव ने अपने सभी अधीनस्थ अनुविभागीय अधिकारी एवं तहसीलदारों को आदेशित किया है कि वह अपने क्षेत्र के माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू करें या फिर लिखकर दें कि उनके क्षेत्र में कोई माफिया नहीं है। कहने की जरूरत नहीं कि यह नौबत तब आई जब प्रशासनिक अमले ने माफिया के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की और कलेक्टर के निर्देशों की लगातार अवहेलना की गई।
कलेक्टर यादव ने जब सभी अधिकारियों से लिखित में जवाब मांगा तो कोई भी अधिकारी यह लिख कर देने को तैयार नहीं हुआ कि उनके क्षेत्र में कोई भी माफिया सक्रिय नहीं है। याद दिलाने की आम जनता एवं जबलपुर के पत्रकारों ने कलेक्टर तक जबलपुर के सभी माफियाओं के नाम एवं उनकी गतिविधियों की डिटेल्स पहुंचा दी है। अब देखना यह है कि कलेक्टर अपनी टीम को काम पर लगा पाते हैं या नहीं।
अधीनस्थ अधिकारियों को डर है कि अगर माफिया के खिलाफ कार्यवाही की तो माफिया उन्हें नौकरी नहीं करने देगा तथा माफिया पावरफुल भी है। एक अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि बिना पुलिस के माफिया पर कार्यवाही नहीं हो सकती, लेकिन माफिया से पुलिस मिली हुई है। जब वह माफिया के खिलाफ कार्यवाही करेंगे तो उन पर हमला हो सकता है। शासन-प्रशासन सभी जानते है कि माफिया कौन-कौन है लेकिन कार्यवाही का टीकरा एक दूसरे पर फोड रहे है।