भोपाल। मध्यप्रदेश के हरदा जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड-2 महिला लिपिक को भोपाल लोकायुक्त पुलिस ने एक अधीनस्थ कर्मचारी के सर्विस बुक अपडेट करने के बदले में 2 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकडा। हरदा जिले में किसी महिला कर्मचारी को रिश्वत लेते हुए पकडे जाने का जिले के इतिहास में यह पहला मामला है।

लक्ष्मी पति प्रहलाददास शर्मा (55) सीएमएचओ ऑफिस में सहायक ग्रेड-2 के पद पर सेवारत हैं। राष्ट्रीय कुष्ठ नियंत्रण कार्यक्रम में सुरेंद्र पिता प्रेमनारायण चौधरी एनएमए (नॉन मेडिकल असिस्टेंट) के पद पर पदस्थ हैं। चौधरी को अपनी सर्विस बुक अपडेट कराना था। साथ ही समयमान वेतनमान का लाभ भी लेना था। इसके लिए वे बीते एक माह से लक्ष्मी शर्मा से निवेदन कर रहे थे। लेकिन काम नहीं हुआ। चौधरी ने नए साल में फिर एक काम करने का आग्रह किया। तब श्रीमती शर्मा ने खर्चा पानी मांगा। दो हजार रुपए देने पर सहमति बनी। चौधरी ने बताया कि उन्होंने 7 जनवरी को इसकी लोकायुक्त पुलिस में शिकायत की। जहां से उसे रुपयों के लेन देन के मांग करने की बातचीत रिकॉर्डिंग करके देने को कहा। चौधरी ने 8 जनवरी को बातचीत की रिकॉर्डिंग दी।

लोकायुक्त पुलिस द्वारा बताए अनुसार सुरेंद्र 5-5 सौ रुपए के दो नोट और 100-100 रुपए के 10 नोट कुल 2 हजार रुपए लेकर श्रीमती शर्मा को देने उनके केबिन में पहुंचा। उन्होंने उससे रुपए लेकर अपने ड्रॉज में रखे, तभी लोकायुक्त पुलिस ने उन्हें पकड लिया। कार्रवाई के बाद अन्य कर्मचारी धीरे-धीरे, इधर उधर खिसक लिए। इस दौरान सीएमएचओ डॉ. केके नागवंशी भी अपने केबिन में थे, लेकिन वे एक बार भी बाहर नहीं निकले। लोकायुक्त पुलिस टीम में नीलम पटवा, संजय शुक्ला, उमा कुशवाह समेत कुल 10 सदस्य थे।

अब तक के 20 साल के इतिहास में रिश्वत खोरी के मामले में किसी महिला के रंगे हाथों पकडने जाने का यह पहला मामला है। इससे पहले अभी तक सबसे ज्यादा राजस्व विभाग के पटवारी रिश्वत लेते पकडे गए हैं। करीब दो माह पहले ही खाद्य विभाग के बाबू जितेंद्र चौधरी को लोकायुक्त पुलिस ने 8 हजार रुपए घूस लेते पकडा था। कृषि विभाग के सहायक परियोजना संचालक आरके अखंडे को छीरपुरा के एक कीटनाशक दुकानदार से 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते नेहरू स्टेडियम के पास पकडा था।

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