लखनऊ। सर्विस रूल का उलंघन करना गौतमबुद्धनगर (नोएडा-ग्रेटर नोएडा) के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण को भारी पड़ा है। गुरुवार को योगी सरकार ने आईपीएस वैभव को सस्पेंड कर दिया। साथ ही सरकार ने आईपीएस वैभव कृष्ण की रिपोर्ट में आरोपी 5 आईपीएस अफसरों के हटाने के साथ ही जांच के लिए विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित की है। सरकार ने लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथानी को भी हटाया है।
एसएसपी नोएडा का महिला के साथ चैटिंग के वायरल वीडियो की गुजरात फॉरेंसिक लैब से जांच कराई। रिपोर्ट में वीडियो व चैटिंग सही पाई गई, जिसे वैभव ने फर्जी बताया था। जांच में सामने आया कि, वीडियो एडिटेड और मार्फ्ड नहीं था। वैभव ने वायरल वीडियो के संबंध में खुद एफआईआर कराई थी। इसके बाद पत्रकार वार्ता खुद बुलाकर जानकारी दी और शासन को भेजी गोपनीय रिपोर्ट को लीक किया था। इसके अधिकारी आचरण नियमावली का उलंघन माना गया। जिसके बाद मेरठ के एडीजी व आईजी को जांच दी गई थी। जांच के दौरान आईजी ने वीडियो को फॉरेंसिक लैब भेजा था।
सरकार ने उच्च स्तरीय जांच के लिए एसआईटी गठित करने का आदेश दिया है। जिसमें शासन से एक सचिव स्तर का अधिकारी भी नामित किए जाने का निर्देश दिया है। कहा गया है कि, आईपीएस अजय पाल शर्मा (एसपी रामपुर), सुधीर कुमार सिंह (एसपी गाजियाबाद), गणेश साहा (एसपी बांदा), राजीव नारायण मिश्रा (एसएसपी एसटीएफ), हिमांशु कुमार (एसपी सुल्तानपुर) के साथ मीडिया कार्यालय मुख्य सचिव दिवाकर खरे, पीसीएस गुलशन कुमार, रजनीश एवं इस मामले से जुड़े समस्त प्रकरण में की गई शिकायत के आधार पर जांच होगी।
जांच टीम में निदेशक सतर्कता एचसी अवस्थी को अध्यक्ष और एसपीएफ के पुलिस महानिरीक्षक अमिताभ यश और जल निगम के प्रबंधक निदेशक विकास गोठलवाल को सदस्य बनाया गया है। 15 दिन में रिपोर्ट मांगी गई है।
सरकार ने इस प्रकरण में दिवाकर खरे, निदेशक मीडिया, मुख्य सचिव को भी पद से हटाते हुए इन्हें सूचना एवं जनसंपर्क विभाग (मुख्यालय) / मंडलायुक्त कार्यालय लखनऊ से संबंद्ध किया है। इनके खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकारी नियमावली (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 1999 के अंतर्गत आरोप पत्र निर्गत करते हुए विभागीय अनुशासनिक कार्रवाई संस्थित करते हुए प्रकरण की जांच की जाएगी।
हाल ही में एसएसपी वैभव कृष्ण का एक महिला के साथ चैटिंग व एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसके बाद वैभव ने आरोप लगाया कि, उन्होंने पांच आईपीएस अफसरों के खिलाफ सीएम ऑफिस, डीजीपी और अपर मुख्य सचिव (गृह) को एक माह पहले गोपनीय जांच रिपोर्ट भेजी थी। तबसे एक बड़ी लॉबी उनके खिलाफ साजिश रच रही थी और फेक विडियो इसी का हिस्सा है। मीडिया के जरिए मामला संज्ञान में आने के बाद सीएम ने अपने दफ्तर, अपर मुख्य सचिव (गृह) व डीजीपी से गोपनीय रिपोर्ट पर जानकारी मांगी है।
योगी सरकार ने गुरुवार को 14 आईपीएस अफसरों का ट्रांसफर किया है। लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथानी को गाजियाबाद का एसएसपी बनाया गया है। वहीं, पुलिस अधीक्षक पीटीएस उन्नाव शिवहरि मीणा को सुल्तानपुर का नया एसपी बनाया गया है। यहां तैनात रहे एसपी हिमांशु कुमार को 28वीं वाहनी पीएससी इटावा का सेनानायक और एसएसपी इटावा संतोष कुमार मिश्रा को रामपुर का एसपी बनाया गया है। यहां तैनात रहे अजय पाल शर्मा को एसपी उन्नाव, वाराणसी में तैनात रहे आकाश तोमर को एसएसपी इटावा बनाया गया है। गाजीपुर के एसपी अरविंद चतुर्वेदी को बाराबंकी जिले का कप्तान बनाया गया।
इसी तरह झांसी से डॉक्टर ओम प्रकाश सिंह को हटाकर गाजीपुर भेजा गया है। मुनिराज को झांसी का एसएसपी बनाया गया है। एएसपी कुशीनगर गौरव भसवाल को हाथरस का एसपी और यहां तैनात रहे एएसपी सिद्धार्थ शंकर मीणा को बांदा का एसपी बनाया गया है। बांदा में एसपी रहे गणेश प्रसाद साहा को पुलिस अधीक्षक मानवाधिकार लखनऊ बनाया गया है। लखनऊ के एसएसपी एसटीएफ राजीव नारायण मिश्रा को मुरादाबाद पीएसी का सेनानायक बनाया गया। गाजियाबाद के वरिष्ठ अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह को 15वीं वाहिनी पीएसी आगरा का प्रभार दिया गया है।