इंदौर। भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने शुक्रवार को प्रशासन की कार्रवाई पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कार्रवाई को यदि राजनीतिक रूप दिया गया तो भाजपा सड़क पर उतरकर आंदोलन करेगी। इस कार्रवाई में भाजपाइयों को टारगेट किया जा रहा है। इसकी शुुरुआत हनीट्रैप से हुई है। मैंने कभी कमर के नीचे की राजनीति नहीं की। ना कभी भविष्य में करने की सोचता हूं। यदि मजबूरी में करना पड़ी तो वह भी करके बताऊंगा। इसलिए अधिकारी मुगालते में ना रहें। हमने सरकार चलाई है। केंद्र में चला रहे हैं। मैं कमर के नीचे वार नहीं करता। मैंने संकल्प ले रखा है कि कमर के नीचे की राजनीति नहीं करता। वह संकल्प कभी टूट भी सकता है।
विजयर्गीय यहां भाजपा कार्यालय में मीडिया से बात कर रहे थे। कमलनाथ सरकार पर नौकरशाही हावी होने के सवाल पर कहा कि मैं इसके विस्तार में कभी जाऊंगा। शहर में भूमाफियाओं पर कार्रवाई को लेकर कहा कि यदि सरकार भाजपा के कार्यकर्ताओं को टारगेट करेगी तो हम चुप नहीं बैठेंगे। कार्रवाई सही दिशा में चलेगी तो हम इसका समर्थन करते रहेंगे। लेकिन राजनीतिक रंग दिया गया तो हम सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे। हमने प्रशासन की नियम विरुद्ध भूमाफियों के मकान तोड़े, लेकिन हमने प्रशासन का समर्थन किया।
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विजयवर्गीय ने कहा कि यहा कानून मुस्लिमों के खिलाफ नहीं है। इस कानून से हिंदुस्तान के मुसलमानों को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कहा आजादी के समय मुस्लिम हमारे यहां 7 प्रतिशत थे, जो 20 प्रतिशत हो गए, क्योंकि यहां उन्हें मान-सम्मान मिल रहा है, लेकिन पाकिस्तान, बांग्लादेश में हिंदुओं की दुर्दशा हो रही है, इसलिए जनसंख्या कम हो रही है। विपक्ष द्वारा कानून को लेकर झूठा भ्रम फैलाया जा रहा है। इसलिए हमने निर्णय लिया कि हम समाज के बीच में जाकर नागरिकता कानून समझाएंगे।
महात्मा गांधी ने भी बोला था कि पाकिस्तान में रहने वाले हिन्दू आना चाहे तो आ सकते हैं, लेकिन आज महात्मा गांधी को भूल गए। कुछ पार्टी ऐसी हैं जो गांधी के नाम पर केवल वोट मांगती हैं, लेकिन भाजपा महात्मा गांधी के सपनों को पूरा करने का काम करती है। कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने राजनीतिक रूप से विरोध किया है। उन्हें एक बार कानून देख लेना चाहिए कि उन्हें ये कानून को नकारने का अधिकार है या नहीं। केंद्र सरकार ही किसी भी व्यक्ति को नागरिकता देने का क़ानून बनाती है। केंद्र के आदेश पर राज्य सरकार नियम अनुसार बाध्य है नागरिकता देने के लिए। राज्य सरकार गन्दी, हल्की राजनीति के कारण कांग्रेस शासित प्रदेशों में विरोध कर रही है।
विजयवर्गीय ने कहा कि 1990 में जब मैं इंदौर की विधानसभा 4 नंबर से जीता था, तो यहां बड़ी संख्या में सिंधी लोग नागरिकता को लेकर परेशान थे, जो पाकिस्तान भी नहीं जाना चाहते हैं। बंगाल में भी बड़ी मात्रा में ऐसे शरणार्थी हैं। मोदीजी ने इन्हीं लोगों को नागरिकता देने के लिए यह कानून लाया है। उन्होंने कहा कि एनआरसी पर किसी प्रकार की अभी तक चर्चा नहीं हुई है। एनआरसी के आधार पर असम में उपनिषद हुआ वो भाजपा ने नहीं किया। वो सुप्रीम कोर्ट के कहने पर किया गया।