भोपाल। अपर मुख्य सचिव और सीनियर आईएएस गौरी सिंह की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) का आवेदन मंजूर हो गया है। अब 31 दिसंबर उनकी सरकारी नौकरी का आखिरी दिन होगा। सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से इसके आदेश सोमवार को जारी कर दिए गए हैं। हालांकि गाैरी सिंह की सेवानिवृत्ति में करीब पौने चार साल का समय बाकी है लेकिन उन्होंने नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की अंतरराष्ट्रीय संस्था में काम करने का रास्ता चुना।

ग्राम पंचायतों के आरक्षण का कार्यक्रम बगैर मंत्री की जानकारी के जारी कर दिया गया था। इसके बाद मंत्री कमलेश्वर पटेल ने गौरी सिंह की शिकायत सीएम कमलनाथ से की थी, जिसके बाद उनका तबादला प्रशासन अकादमी के महानिदेशक पद पर कर दिया गया था। इस मामले को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने विधानसभा में उठाया था और इस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर तकरार हुई थी।
नवकरणीय ऊर्जा एजेंसी में काम करेंगी

गौरी सिंह अब अंतर्राष्ट्रीय नवकरणीय ऊर्जा एजेंसी (इरीना) के साथ काम करेंगी। इस एजेंसी के साथ वह 2010 से 2014 के बीच भी काम कर चुकी हैं। उन्होंने करीब 30-40 दिन पहले इरीना में काम करने संबंधी सूचना सामान्य प्रशासन विभाग को दी थी। इसके पहले वे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए भी प्रयासरत थीं, लेकिन सूचीबद्ध नहीं होने की वजह से पेंच फंस गया था। गौरी सिंह मप्र आईएएस ऑफिसर्स एसोसिएशन की अध्यक्ष भी हैं। एसोसिएशन की तरफ से भी उनका तबादला निरस्त कराने के प्रयास हुए थे, लेकिन हो नहीं पाया।

बताया जाता है कि इसी दौरान उन्होंने पंचायतों के आरक्षण का कार्यक्रम जारी कर दिया। इसको लेकर न तो मुख्यमंत्री कमलनाथ को भरोसे में लिया गया और न ही विभागीय मंत्री कमलेश्वर पटेल से फाइल पर अनुमोदन लिया गया। इस मामले में पटेल ने शिकायत की तो सिंह को विभाग से हटाकर प्रशासन अकादमी में महानिदेशक बनाकर भेज दिया था।

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