तंबाकू पूरे शरीर के साथ आंखों पर भी विपरीत असर डालती है। धूम्रपान करने वालों की आंखों में जलन से लेकर अंधत्व तक कोई भी समस्या खड़ी हो सकती है। उच्च रक्तचाप और मधुमेह से पीड़ितों को तो धूम्रपान से तौबा कर ही लेना चाहिए, क्योंकि इससे रक्त में निकोटिन का स्तर बढ़ जाता है, जो रेटीना के लिए घातक होता है। धूम्रपान करने का अर्थ है शरीर को अंदर से खोखला करना।
तंबाकू के हानिकारक दुष्प्रभावों की जड़ निकोटिन है, क्योंकि इसमें मौजूद कई ऑक्सीडेंट्स आंखों को नुकसान पहुंचाने के लिए जिम्मेदार हैं। धूम्रपान करने वालों के परिजनों को भी यह जोखिम हमेशा बना रहता है। कई बार धूम्रपान नहीं करने वालों की आंखें सिगरेट या बीड़ी के गुल से जल जाती हैं।
धूम्रपान करने वालों की आंखों को तंबाकू के जहरीले धुएं में मौजूद रसायनों से कंजक्टिवा के ग्लोबलेट सेल्स क्षतिग्रस्त हो सकते हैं, जिनसे आंख की सतह पर नमी बनी रहती है। इसी तरह धुएं में मौजूद कारबन पार्टीकल्स पलकों पर जमा हो सकते हैं, इससे भी आंखों की नमी और गीलापन खत्म हो सकता है।