इंदौर। संपत्ति विवाद को लेकर एसडीएम कोर्ट से फैसला पक्ष में कराने के एवज में 50 हजार रुपए की रिश्वत मांगने वाले चपरासी को जिला व सत्र न्यायालय ने मंगलवार को चार साल जेल की सजा और अर्थदंड दिया है। एसडीएम का रीडर और चपरासी फैसला करवाने के लिए कह रहे थे। लोकायुक्त पुलिस ने चपरासी को पांच हजार की रिश्वत लेते पकड़ा था।

संदीप ओझा नामक व्यक्ति ने लोकायुक्त से चपरासी महेश वर्मा की शिकायत की थी। संदीप का प्लॉट को लेकर एक व्यक्ति से विवाद चल रहा था। दोनों पक्षों के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया था। प्लॉट को लेकर एसडीएम कोर्ट में फैसला होना था। चपरासी वर्मा ने ओझा से संपर्क कर फैसला उसके पक्ष में कराने के एवज में 50 हजार रुपए मांगे। इस पर ओझा ने लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत की। लोकायुक्त पुलिस ने 19 सितंबर 2014 को चपरासी को पकड़ा। पिछले दिनों चालान पेश किया था।

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