भिण्ड। चंबल एक्सप्रेस-वे बनाने को लेकर केंद्र और राज्य सरकार ने फिर से कवायद शुरू कर दी है। संशोधित डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) से भिंड जिले के क्षेत्र को हटा दिया गया है। इस पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आपत्ति जताई है। उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर भिंड जिले को जोड़ने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा है कि एक्सप्रेस वे में चंबल नदी के सीमावर्ती जिले भिंड को शामिल नहीं किया गया तो एक्सप्रेस वे में संपूर्ण चंबल को शामिल करने और विकास का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाएगा।
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दूसरी तरफ, भोपाल भेजी गई संशोधित डीपीआर के अनुसार, चंबल एक्सप्रेस वे अब मुरैना से शुरू होकर श्योपुर तक जाएगा। वहां से इसे ईस्ट-वेस्ट कोरिडोर से जोड़ने की योजना है। राज्य सरकार की मांग पर मध्यप्रदेश सडक विकास निगम ने तीन दिन पहले ही एक्सप्रेस-वे के लिए जरूरी जमीन की जानकारी भोपाल भेजी है। एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट को चंबल संभाग के तीन जिलों से समेटकर दो जिलों तक सीमित कर दिया गया है।
अब इसमें मुरैना व श्योपुर जिले ही शामिल रहेंगे। भिण्ड के 62 किमी लंबाई के एक्सप्रेस-वे को डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट से अलग कर दिया गया है। सरकार की मंशा है कि मुरैना के गडौरा से एक्सप्रेस-वे को चंबल नदी के किनारे-किनारे श्योपुर तक बनाया जाए और उसे श्योपुर के आगे राजस्थान क्षेत्र में ईस्ट-वेस्ट कोरिडोर से जोड दिया जाए।
संशोधित डीपीआर के मुताबिक, मुरैना व श्योपुर जिले में इस प्रोजेक्ट के लिए कितनी सरकारी, फॉरेस्ट व निजी जमीन की आवश्यकता होगी इसकी जानकारी राज्य शासन ने एमपीआरडीसी के अफसरों ने मांगी है। सडक विकास निगम के अफसरों का कहना है कि बीहडी जमीन का अधिग्रहण, दूसरी जमीन देने के बदले में किया जाए, इसके लिए अलग से मुआवजा नहीं दिया जाएगा। नवीन डीपीआर में इस प्रोजेक्ट के लिए 100 मीटर चौड़ाई की जमीन के अधिग्रहण पर फोकस किया गया है।
चंबल एक्सप्रेस-वे को मुरैना से श्योपुर तक 200 किलोमीटर लंबाई में 10 मीटर चौड़ा बनाया जाएगा। मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम अब एक्सप्रेस-वे का निर्माण चंबल क्षेत्र के गडौरा गांव से शुरू कराएगा। नवीन हाईवे बनने के बाद राजस्थान के सवाई माधौपुर से चलने वाला हैवी ट्रैफिक श्योपुर, गोरस, सबलगढ़, कैलारस, जौरा होते हुए मुरैना पहुंचेगा। मुरैना से श्योपुर के बीच सड़क विकास निगम पहले से ही फोरलेन व टू-लेन हाईवे बनवा चुका है।
सड़क विकास निगम के अफसरों का कहना है कि मुरैना-पोरसा हाईवे निर्माण के लिए तीन नए बायपास रोड बनाए जाएंगे। इसके लिए सरकारी व निजी जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। मुरैना का नया बायपास 16 किमी लंबाई का होगा। अंबाह व पोरसा के नए बायपास रोड 8 से 9 किमी लंबाई के बनाए जाएंगे।
चंबल एक्सप्रेस-वे को लेकर सरकार की उम्मीदें हैं कि इसके बनने के बाद मध्यप्रदेश, राजस्थान व उत्तरप्रदेश के बीच सीधा व्यवसायिक संपर्क बढ़ेगा। साथ ही पर्यटकों का आना-जाना भी बढ़ेगा। चंबल सेंचुरी के अलावा मितावली, पढ़ावली, ककनमठ और बटेश्वर के शिव मंदिरों के अलावा पर्यटन के अन्य केंद्र विकसित हो सकेंगे।
चंबल एक्सप्रेस-वे, राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य की एक किमी के दायरे से आधा या एक किमी दूरी पर होकर निकाला जाएगा ताकि बाढ़ का कोई असर एक्सप्रेस-वे पर नहीं पड़े। आवागमन सुचारु रूप से संचालित हो सके।
संभागीय प्रोजेक्ट डायरेक्टर (एमपीआरडीसी) राजेश कुमार दायमा ने बताया कि चंबल एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट के लिए तीन दिन पहले ही शासन को सरकारी, वन विभाग व किसानों की अधिग्रहित की जाने वाली जमीन की जानकारी भेजी है। शासन ने अब इस प्रोजेक्ट से भिण्ड जिले के 62 किमी के एरिया को कम कर दिया है। अब एक्सप्रेस-वे मुरैना से श्योपुर के बीच बनाया जाएगा।