नई दिल्ली । देश के सबसे पुराने और बहुप्रतिक्षित कोर्ट केस अयोध्या राम जन्मभूमि – बाबरी मस्जिद विवाद केस में फैसला आ गया है और इसके बाद अब विवादित रही जमीन पर रामलला विराजमान ही रहेंगे और यह फैसला हिंदुओं के पक्ष में आया है। वहीं दूसरी तरफ सर्वोच्च न्यायालय ने मुस्लिम पक्ष को अलग से मस्जिद के लिए जमीन देने की निर्देश दिए हैं। आज पांच जजों की संवैधानिक पीठ इस मामले में एतिहासिक फैसला सुनाया है। इस बेंच ने लगातार 40 दिन की मैराथन सुनवाई के बाद बीती 16 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। शुक्रवार को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) की और से इस बारे में जानकारी दी गई थी। उसके बाद से देश में हलचल बढ़ गई थी। सभी राज्यों में पुलिस अलर्ट पर है और सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त कर लिए गए हैं। खासतौर पर उत्तर प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है। अयोध्या में धारा 144 लागू कर दी गई है। उप्र में स्कूल-कॉलेज सोमवार तक के लिए बंद किए गए हैं, वहीं मध्यप्रदेश व दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में शनिवार को स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया है।
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सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद अब राम मंदिर निर्माण को लेकर न्यास और विहिप के प्लान को लेकर चर्चाएं शुरू हो गईं हैं।
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रधानमंत्री मोदी के अलावा गृहमंत्री अमित शाह, संघ प्रमुख मोहन भागवत ने प्रतिक्रिया देते हुए इसका सम्मान करने के लिए अपील की है।
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर मुस्लिम पक्ष के वकील जफरयार जिलानी ने कहा कि हम इस फैसले से संतुष्ट नहीं है और चर्चा करके आगे का रुख तय करेंगे।
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सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद अब राम मंदिर निर्माण को लेकर न्यास और विहिप के प्लान को लेकर चर्चाएं शुरू हो गईं हैं।
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रधानमंत्री मोदी के अलावा गृहमंत्री अमित शाह, संघ प्रमुख मोहन भागवत ने प्रतिक्रिया देते हुए इसका सम्मान करने के लिए अपील की है।
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर मुस्लिम पक्ष के वकील जफरयार जिलानी ने कहा कि हम इस फैसले से संतुष्ट नहीं है और चर्चा करके आगे का रुख तय करेंगे।