गुना ! कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने आज चिंता जताते हुए कहा कि आने वाले समय में कहीं अदालतें राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री जैसे पदों पर टिप्पणियां नहीं करने लग जाएं और यदि ऐसा हुआ तो लोकतंत्र का वर्तमान ढांचा और संतुलन भी प्रभावित हो सकता है।
श्री सिंह ने मध्यप्रदेश के गुना जिला मुख्यालय स्थित हवाई पट्टी पर पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा कि विधायिका कार्यपालिका और न्यायपालिका को अपने अपने क्षेत्र में रहकर कार्य करना चाहिए। इससे उनकी मर्यादाएं बनी रहेंगी। उन्होंने कहा, हमारे देश में न्यायपालिका कार्यपालिका और विधायिका के बीच समन्वय और प्रत्येक संस्थान के प्रति आदर का भाव ही प्रजातंत्र का आधार रहा है।
उन्होंने कहा कि विधायिका का काम कानून बनाना है और कार्यपालिका उन पर अमल करती है। न्यायपालिका को किसी भी पक्ष द्वारा विधान के विपरीत काम करने पर उसे खारिज करने का अधिकार है। एक-दूसरे के क्षेत्र में हस्तक्षेप इन संवैधानिक संस्थानों के सम्मान में गिरावट लाएगा। श्री सिंह ने कहा कि न्यायपालिका लिखित में कोई आपत्ति दर्ज कराती है तो उसके खिलाफ अपील की जा सकती है। लेकिन सीबीआई पर ‘पिंजरे में तोता’ जैसी टिप्पणियों पर अपील किस स्थान पर की जाए, यह अनुत्तरित है, क्योंकि यह टिप्पणी लिखित में नहीं आई है।