इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में महशूर फिल्म अभिनेता और राजनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने रविवार को इंदौर में कहा कि मेरे जीवन का सबसे अच्छा दिन वह था जब मैंने सिगरेट पीना छोड दिया था। उन्होंने बताया कि मेरे साथी अमिताभ बच्चन और शशि कपूर मुझसे ज्यादा सिगरेट पीते थे लेकिन उन्होंने मुझसे पहले ही सिगरेट छोड दी थी।
शत्रुघ्न सिन्हा ने यह बात रविवार को इंडियन सोसायटी ऑफ ओकोलॉजी और इंडियन सोसायटी ऑफ मेडिकल एंड पीडियाट्रिक ओकोलॉजी द्वारा आयोजित तीन दिनी कांफ्रेस के तीसरे दिन कही। ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित सेमिनार में सिन्हा ने सिगरेट से छुटकारा पाने का किस्सा बताया। फिल्म मेरे अपने में एक फाइट-सीन का किस्सा सुनाते हुए बोले कि वह पहला मौका था जब सिगरेट छोडने की प्रेरणा ली।
उन्होंने कहा, मैं तीन कलाकार (धर्मेंद्र, कबीर बेदी और विनोद खन्ना) की बहुत कद्र करता रहा हूं। इनके काम का मैं कायल रहा हूं। मैं एक मशहूर फिल्म मेरे अपने की शूटिंग कर रहा था। मैं भी सिगरेट पीता था और वे भी सिगरेट पीते थे। एक सीन में गुलजार साहब ने कहा कि यह मॉक-फाइट है। एक से डेढ मिनट का सीन है। सीन खत्म होने के बाद हम दोनांे कुर्सी पर बैठे और दस मिनट तक बुरी तरह बैठे हांफ रहे थे। विनोद को हांफते देखकर मैं चौंक गया। मैंने सोचा कि ऐसी दमदार व्यक्तित्व इतना हांफ रहा है तब मुझे समझ आया कि यह बहुत घातक है। परिवार और देश के लिए तो यह घातक है।
सिन्हा ने कहा कि अमिताभ बच्चन खुद बहुत सिगरेट पीते थे, शशि कपूर भी सिगरेट पीते थे और हम लोगों ने साथ तय किया था कि सिगरेट छोडेंगे लेकिन खुशी की बात है कि इन दोनों ने मुझसे पहले छोडी।
इंडियन सोसायटी ऑफ ऑकोलॉजी और इंडियन सोसाइटी ऑफ मेडिकल एंड पीडियाट्रिक ऑकलॉजी द्वारा आयोजित तीन दिनी कांफ्रेंस के समापन अवसर पर कैंसरथॉन का आयोजन किया गया। इस मैराथॉन में 500 से ज्यादा लोगों ने दौडं लगाकर कैंसर के प्रति जनजागृति फैलाई। इस मेराथॉन में बडी संख्या में मेडिकल स्टूडेंट्स , डॉक्टर्स , कैंसर के पेषेंट व अन्य लोग शामिल थे। यह मेराथॉन मिशन हॉस्पिटल होते हुए नेहरू स्टेडियम पहुंची। इस दौरान कैंसर से कारण, बचाव व सावधानियों के पर्चे भी वितरित किए गए।