जबलपुर !   मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर की खंडपीठ ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के निलंबित चल रहे अफसर अरविंद व टीनू जोशी की संपत्ति राजसात किये जाने की कार्रवाई पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। उच्च न्यायालय की खंडपीठ कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश के.के. लाहोटी और न्यायाधीश एम.ए. सिद्दीकी के उक्त निर्णय के बाद जोशी दंपत्ति की संपत्ति राजसात होने का रास्ता साफ हो गया है। यह मामला जोशी दंपत्ति की ओर से दायर किया गया था। जिसमें राज्य सरकार द्वारा उनकी करोड़ों रुपये की संपत्ति राजसात किए जाने की कार्रवाई को चुनौती दी गई थी, इसके साथ ही विशेष न्यायालय अधिनियम-2011 की वैधानिकता को चुनौती दी गई थी।

शासन की ओर से खंडपीठ को बताया गया कि नौ दिसंबर 2010 को लोकायुक्त ने जोशी दंपत्ति के यहां छापामार कार्रवाई कर चार करोड़, 40 लाख 94 हजार 84 रुपये आय से अधिक की संपत्ति बरामद की थी।

मामला विचाराधीन रहने के दौरान ही शासन ने मप्र भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम-2011 की धारा 14 के तहत संपत्ति राजसात करने व भ्रष्टाचार के मामले के लिए विशेष न्यायालय में सुने जाने का निर्णय लिया था। जोशी दंपत्ति की ओर से राज्य शासन द्वारा की जा रही कार्रवाई व उक्त अधिनियम की वैधानिकता को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय की शरण ली गई थी। सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने जोशी दंपत्ति को राहत देने से इंकार कर दिया।

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