भोपाल। नगर निगम में कार्यरत कर्मचारी-अधिकारियों की यूनियनों की मुराद पूरी होने जा रही है। नगर निगम आयुक्त विशेष गढ़पाले ने कर्मचारियों की समस्याओं को जानने और समझने के लिए 18 मई को मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठनों की बैठक आहूत की है। यह बैठक माता मंदिर स्थित कमिश्नर कार्यालय में होगी।
यह पहला अवसर है जब नगर निगम आयुक्त ने पहल कर कर्मचारी संगठनों को बातचीत के लिए बुलाया है। नगर निगम में शासन आदेश के बावजूद सालों से परामर्शदात्री समिति नहीं बन पाई है। इस वजह से कर्मचारियों की समस्याओं का न तो निराकरण हो पा रहा था, और न ही निगम प्रशासन ने बिना समिति गठन किए इनकी मांगों को हल करने का कोई प्रयास किया था। इतना ही नहीं पिछले कई सालों से किसी भी नगर निगम आयुक्त ने किसी कर्मचारी संगठन से कर्मचारियों की समस्याओं पर चर्चा नहीं की, लेकिन श्री गढ़पाले ने पहल करते हुए मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठनों को कर्मचारियों की समस्याओं और निगम हित में किए जाने वाले कार्यों पर सुझाव लेने के लिए बैठक आहूत की है। नगर निगम में मप्र नगर निगम, नगर पालिका कर्मचारी संघ, नगर निगम कर्मचारी कांग्रेस शासन से मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठन हैं तो वहीं नगर निगम द्वारा दी गई मान्यता वाले कर्मचारी संगठनों में नगर निगम जल प्रदाय कर्मचारी, सफाई कर्मचारी कांग्रेस हैं। इसके अलावा गैर मान्यता प्राप्त कई संगठन हैं, जिन्हें संभवत: इस बैठक में शामिल होने का मौका नहीं मिलेगा। कर्मचारी संगठनों की ओर से निगम प्रशासन के सामने कई मुद्दे रखे जाने की संभावना है, जिसमें प्रमुख रूप से वर्षों से एक ही पद पर प्रतिनियुक्ति पर आए अधिकारियों का जमा रहना, प्रभारी प्रथा, नवम्बर 2011 से रुका हुआ एचआरए का मुद्दा, प्रायवेट नर्सिंग होम में उपचार की सुविधा उपलब्ध कराना, वाहन भत्ता, तृतीय व चतुर्थ श्रेणी संवर्ग के कर्मचारियों की वरिष्ठïता सूची का न बनना, विभागीय गोपनीय रिपोर्ट के नाम पर वर्षों से लटके क्रमोन्नति के प्रकरणों का मुद्दा और दैनिक वेतन भोगियों के नियमितीकरण का मुद्दा मुख्य है। वहीं निगम प्रशासन की ओर से कर्मचारियों की कार्यदक्षता में वृद्धि, अनुशासन का पालन, जनहित में किए जाने वाले विकास कार्यों की गुणवत्ता तथा लोगों से निगम कर्मचारियों का शालीन व्यवहार करने की बात कह सकते हैं।