ग्वालियर। मध्यप्रदेश के चंबल संभाग के भिण्ड जिले के गोहद में कल हाइड्रोजन परऑक्साइड, डिटर्जेंट पाउडर, कास्टिक सोडा और माल्टो डेक्सट्रिन का उपयोग कर नकली दूध तैयार किया जा रहा था। नकली दूध तैयार करने वाली डेयरी पर भिण्ड की खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की टीम ने भारी पुलिस बल की मौजूदगी में छापा मारा है। छापे के दौरान डेयरी से बडी मात्रा में हाइड्रोजन परऑक्साइड, डिटर्जेंट पाउडर, कास्टिक सोडा, माल्टो डेक्सट्रिन और डेयरी मिक्स के 5 पैकेट मिले हैं। डेयरी पर चिलर प्लांट नहीं है, लेकिन इसके बावजूद यहां से 20 हजार लीटर दूध टैंकर में भरकर भिण्ड जिले के औद्योगिक क्षेत्र मालनपुर सप्लाई के लिए भेजा गया। इस टैंकर को गोहद चौराहा थाना क्षेत्र में रोककर दूध का सैंपल लिया गया है। इसके बाद टीम डेयरी पर पहुंची। गोहद से 5 सैंपल लिए हैं। इन्हें जांच के लिए भोपाल भेजा जाएगा।
भिण्ड जिले के गोहद से 20 हजार लीटर दूध से भरा टैंकर मालनपुर रवाना हुआ। भिण्ड कलेक्टर छोटे सिंह, पुलिस अधीक्षक रूडोल्फ अल्वारेस को सूचना मिली। गोहद चौराहा पुलिस से टैंकर रुकवा लिया गया। टैंकर ड्राइवर ने बताया दूध गोहद में गायत्री नगर चंबल कॉलोनी के पीछे वार्ड 4 में अनिल कुशवाह की डेयरी से लेकर आ रहा है। ड्राइवर ने बताया डेयरी पर चिलर प्लांट नहीं है। इससे साफ हो गया गोहद में नकली दूध बनाया जा रहा है। कलेक्टर-एसपी ने रणनीति तैयार कर रिजर्व पुलिस लाइन से बल तैयार किया। खाद्य सुरक्षा अधिकारी राजेश गुप्ता, बृजेश शिरोमणि को टीम के साथ गोहद भेजा गया। गोहद में तहसीलदार ममता शाक्य की मौजूदगी में टीम ने टैंकर से दूध का सैंपल लिया। टीम डेयरी पर पहुंची तो यहां भारी मात्रा में नकली दूध तैयार करने का सामान मिला। माना जा रहा था 19 जुलाई को भिण्ड जिले के लहार में एसटीएफ की कार्रवाई के बाद से नकली दूध, मावा, घी के कारोबार में कमी आई है, लेकिन गोहद में इस डेयरी ने अधिकारियों की आंखें खोल दी।
खाद्य सुरक्षा टीम को अनिल कुशवाह की डेयरी से 40 किलो कास्टिक सोडा, 33 किलो माल्टो डेक्सट्रिन पाउडर, 20 लीटर हाइड्रोजन परऑक्साइड, डेढढ़ किलो वजन के 75 पैकेट डिटर्जेंट पाउडर, 5 पैकेट डेयरी मिक्स के मिले। पूछताछ में अनिल ने स्वीकार किया है कि टैंकर में सप्लाई के लिए भेजा गया दूध उसी का है, लेकिन उसने कहा दूध को गांवों से एकत्रित किया गया है। डेयरी पर 50 किलो दही मिला। टीम ने सैंपल लेकर दही को नष्ट करा दिया है। इसके साथ कास्टिक सोडा, माल्टो डेक्सट्रिन पाउडर का सैंपल लिया है। नकली दूध बनाने के सामान को टीम ने जब्त कर लिया है। टीम ने गोहद में ही संजीव अग्रवाल के अग्रवाल मिष्ठान भंडार से घी का सैंपल लिया है।
तहसीलदार ममता शाक्य की मौजूदगी में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने अनिल कुशवाह के बयान लिए हैं। अनिल ने बयान में कहा है कि वह दूध को खराब होने से बचाने के लिए उसमें कास्टिक सोडा और हाइड्रोजन परऑक्साइड मिलाता था। डिटर्जेंट को बर्तन धोने के उपयोग के लिए रखा है। दूध, पनीर या दही में गाडापन लाने के लिए माल्टो डेक्सट्रिन पाउडर का उपयोग करता था। यहां बता दें कि जितनी मात्रा में अनिल के यहां से यह सामान मिला है, उससे टीम भी मानकर चल रही है कि वह इसे दूध में मिलाता नहीं, बल्कि इनका इस्तेमाल कर नकली दूध का कारोबार कर रहा था। फिलहाल अनिल को हिरासत में नहीं लिया गया है।
भिण्ड के शासकीय जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉं. अजीत मिश्रा ने आज यहां बताया कि नकली दूध, मावा के लगातार उपयोग से कैंसर होने का खतरा रहता है। लिवर और किडनी फेल होने का अंदेशा रहता है। यहां बता दें कि हाइड्रोजन परऑक्साइड का इस्तेमाल अस्पतालों में घाव को साफ करने के लिए किया जाता है। इसका सेवन किया जाए तो यह आंतों को फाड सकता है। डिटरर्जेंट और कास्टिक सोडा भी लिवर, किडनी को नुकसान पहुंचाता है। डॉ मिश्रा का कहना है कि इनका सेवन बेहद घातक है।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी बृजेश शिरोमणि का कहना है कि भिण्ड जिले के गोहद में टैंकर से सप्लाई किया जा रहा 20 हजार लीटर दूध मालनपुर पहुंचना था। उन्होंने बताया कि पूछताछ में टैंकर ड्राइवर ने बताया कि इस दूध की सप्लाई मालनपुर में पारस या नोवा फैक्टरी में की जानी थी। खाद्य सुरक्षा अधिकारी शिरोमणि का कहना है कि डेयरी संचालक ने कहा कि यह दूध उसने गांवों से एकत्रित किया है। इसी कारण से सैंपल लेकर टैंकर को जाने दिया गया है।

भिण्ड जिले में नकली दूध, मावा, पनीर बनाने वालों के 6 सेंपल फैल होने के बाद भी भिण्ड का जिला प्रशासन इन कारोबारियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की कार्यवाही नहीं कर पा रहा है। जिला प्रशासन यहां के नेताओं के इशारे पर काम कर रहा है। कलेक्टर किसी भी दल के नेताओं से कोई पंगा नहीं लंेना चाहते। कलेक्टर छोटे सिंह भिण्ड में अपर कलेक्टर रह चुके हैं तब भी वह विवादों में रहे थे। चुनाव के दौरान उन्हें भिण्ड से हटा दिया गया था। चुनाव के बाद वह फिर भिण्ड आ गए है, लेकिन वह यहां स्वयं विवेक ने काम को अंजाम नहीं दे पा रहे है। यही कारण है कि भिण्ड जिले में कैमीकल से दुध, मावा, पनीर के कारोवार पर कोई रोक नहीं लगी है।

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