भोपाल। कैबिनेट की बैठक में सरकार पर हावी अफसरशाही के खिलाफ जनजातीय कल्याण मंत्री ओमकार सिंह मरकाम की पीड़ा सामने आई। सेामवार को जब मंत्रिमंडल की बैठक खत्म हुई और मंत्री बाहर जाने लगे, उस दौरान उन्होंने कहा कि मैं मेरे कक्ष में लगे महापुरुषों के फोटो हटाकर आईएएस-आईपीएस अधिकारियों के फोटो लगाऊंगा, ताकि मेरी सुनवाई हो सके। यह रोना केवल मंत्री ओमकार सिंह मरकाम का नहीं हैं। सिन्धिया समर्थक अधिकांश मंत्री और विधायकों के अलावा कांग्रेस कार्यकर्ताओं का है। प्रदेश स्तर पर बैठे बडे अधिकारी ही नहीं जिले में बैठे अधिकारी भी मंत्री, विधायक और कार्यकर्ताओं को कोई महत्व नहीं दे रहे है। सही बात तो ये है कि सिन्धिया समर्थक मंत्री और विधायक कभी भी पार्टी से बगावत भी कर सकते है। कांग्रेस अभी भी गुटवाजी से नहीं उबर पाई है। पार्टी के शीर्ष नेता भी मध्यप्रदेश कांग्रेस की गुटवाजी को देर नहीं कर सके है।

बीती मंत्रिमंडल की बैठकों के दौरान भी मंत्रियों की अफसरशाही के खिलाफ आवाज खुलकर सामने आ चुकी है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक मंत्री तो अफसरशाही से नाराज होकर पीड़ा उनको भी बता चुके हैं। कैबिनेट की बैठक में मंत्रियों ने बताया कि अभी भी निगम-मंडलों में तत्कालीन भाजपा सरकार के समय के ही वकील नियुक्त हैं। राज्य सरकार तत्काल नए सिरे से निगम मंडलों में वकीलों की नियुक्ति करे। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधि-विधायी मंत्री पीसी शर्मा को शीघ्र कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

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